पटना : राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेनामी संपत्ति का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. बिहारभाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के लगातार खुलासे के बाद, अब लगता है कि आयकर विभाग भी लालू परिवार पर अपना शिकंजा कसते जा रहा है. विभाग ने लालू परिवार की बेनामी संपत्ति और कालेधन को अपने पास रखने वाले उस शख्स की भी पहचान कर ली है, जो गाहे-बगाहे इस परिवार की मदद करता था. विभाग की मानें तो उस शख्स का नाम विनय मित्तल है, यही शख्स लालू परिवार की बेनामी संपत्ति को इधर से उधर करने में मुख्य भूमिका निभाता था. आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो विनय को यह जिम्मेदारी लालू यादव के दामाद और मीसा के पति शैलेश कुमार ने दी थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू यादव के दामाद शैलेश कुमार ने फर्जी कंपनियों में पैसा जमा करने का काम विनय को सौंपा था. इसी काम को अंजाम देने के लिए विनय मित्तल ने सीए राजेश अग्रवाल को शैलेश के साथ मिलवाया था. राजेश ने कई कंपनियों के माध्यम से काला धन मीसा और शैलेष की कंपनी को ट्रांसफर किया था. आयकर विभाग ने विनय मित्तल को खोज निकाला है. विभाग अब शैलेश के पास आने वाले पैसे के स्रोत के बारे में पता लगाने में जुटी है.
मीसा के पति शैलेष ने साल2007 में एक शख्स से सेल कंपनियों और उससे फर्जी एंट्री लेने के बारे में पूरी जानकारी ली थी. साथ ही शैलेश ने वैसे लोगों के बारे में पूछताछ की थी जो ऐसी कंपनियों में काले धन को सफेद करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विनयमित्तल, राजेश अग्रवाल का रिश्ते में साला लगता है. मीसा के पति शैलेश ने विनय मित्तल की मुलाकात अमित कात्याल से करायी थी. अमित कात्याल वह व्यक्ति है, जिसकी कंपनी ने लालू के परिवार को पटना में जमीन दी थी. सबसे पहले विनय मित्तल अमित कात्याल की कंपनी में काम कर रहा था. उसके बाद अमित कात्याल ने ही उसे शैलेश से ले जाकर मिलवाया. शैलेश को आयकर विभाग की कागजी कार्रवाई में विनय से मदद करने की गुहार लगायी.
बाद में शैलेश और विनय के रिश्ते मजबूत हुए और काला धन सफेद करने का गोरखधंधा शुरू हो गया. आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो जल्द ही विनय मित्तल से पूछताछ की जायेगी. बताया जा रहा है कि विभाग यदि विनय से पूछताछ करेगा तो लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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