बक्सर : जिले का सदर अस्पताल खुद ही बीमार हो गया है. इस अस्पताल में गंभीर स्थिति में आनेवाले मरीजों की सुधी लेनेवाला कोई नहीं है. गंभीर हालत में अगर कोई मरीज अचानक पहुंच जाये, तो न ही डॉक्टर साहब मिलेंगे और न ही कोई दवा. कुछ ऐसा ही बुधवार की सुबह देखने को मिला, जब सड़क हादसे में घायल मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे.अस्पताल में मरीज के आने के बाद यहां ना तो इमरजेंसी में डॉक्टर उपस्थित मिले और ना ही कोई कर्मचारी. इस कारण सड़क हादसे में घायल लोगों का इलाज नहीं हो सका. घायल मरीज दर्द से तड़पते रहे.
बताया जा रहा है कि मुफस्सिल थाने के महदह के पास हुई सड़क दुर्घटना में महिला समेत तीन लोग जख्मी हो गये. डॉक्टरों के नहीं रहने से परिजनों ने जमकर बवाल काटा. इस हंगामे के कारण अस्पताल में अफरातफरी मच गयी. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आये परिजन नंद जी सिंह ने बताया कि इमरजेंसी में डेढ़ घंटे तक डॉक्टर नहीं आये. उन्होंने आरोप लगाया कि घायल जब अस्पताल आये, तब एक डॉक्टर थे. लेकिन, उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी होने की बात कहते हुए इलाज नहीं किया. उनका कहना था कि दूसरी शिफ्ट के डॉक्टर आयेंगे तब इलाज करेंगे.
चिकित्सक द्वारा मरीज का इलाज नहीं किये जाने के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा मचाना शुरू कर दिया. हंगामे की सूचना सिविल सर्जन को दी गयी. आनन-फानन में सिविल सर्जन ने डॉक्टरों व कर्मचारियों को तलब किया. करीब एक घंटे तक सभी घायल दर्द से कराहते रहे. इसके बाद इन घायल मरीजों का इलाज संभव हो सका.