नयी दिल्ली : वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी ने बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित करने के वादे किये थे. सरकार ने बीते तीन सालों में आर्थिक सुधारों को तेज करने और निवेश बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल जरूर की हैं, पर रोजगार के मोर्चे पर प्रगति निराशाजनक है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन साल में न सिर्फ रोजगार का विकास बहुत धीमा है, बल्कि नये रोजगारों का वितरण भी असंतुलित है. नये 2.31 लाख नौकरियों में से करीब आधा यानी 1.1 लाख महज दो सेक्टरों- शिक्षा और स्वास्थ्य- से संबद्ध हैं. मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में लगभग एक फीसदी रोजगार बढ़ा है.
रोजगार नहीं मिलने पर युवाओं का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूटा है. #बेरोजगारी_की_मार_मोदी_फरार हैश टैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है जिसपर लगातार लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. आइए नजर डालते हैं कुछ ट्वीट पर…
https://twitter.com/HeyaturRehman/status/876672900924887040
#बेरोजगारी_की_मार_मोदी_फरार where are the govt. jobs, vacancies for graduates, postgraduates and students of higher education? 😕
— Dr. Pooja Verma (@123hellobello) June 19, 2017
#बेरोजगारी_की_मार_मोदी_फरार Make in India ,nice joke
— संकेत राजेभोसले (@SanketRaje45) June 19, 2017
https://twitter.com/0088zubair/status/876672357431201793
https://twitter.com/ManjushaSingh29/status/876672217202868224
#बेरोजगारी_की_मार_मोदी_फरार नरेन्द्र मोदी की इतनी विदेश यात्राओं के बाद देश को एक ही चीज मिली नरेन्द्र मोदी का जुमला
— MD Shameem 🌐 (@Mdshameem21) June 19, 2017