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बिहार ने रद्द की झारखंड की 980 श्रम संगठनों की मान्यता

बिहार सरकार ने झारखंड में संचालित 980 श्रम संगठनों की मान्यता समाप्त कर दी है. सभी श्रम संगठन बिहार में निबंधित थे. वहां इन श्रम संगठनों का रिटर्न दाखिल नहीं हो रहा था. इन श्रम संगठनों के सभी कागजात भी बिहार में ही हैं. जबकि झारखंड में इन श्रम संगठनों का कोई कागजात भी नहीं […]

बिहार सरकार ने झारखंड में संचालित 980 श्रम संगठनों की मान्यता समाप्त कर दी है. सभी श्रम संगठन बिहार में निबंधित थे. वहां इन श्रम संगठनों का रिटर्न दाखिल नहीं हो रहा था. इन श्रम संगठनों के सभी कागजात भी बिहार में ही हैं. जबकि झारखंड में इन श्रम संगठनों का कोई कागजात भी नहीं है. बिहार सरकार ने आदेश निकाल कर कह दिया कि पिछले 17 साल से 980 यूनियनों ने बिहार में वार्षिक रिटर्न फाइल नहीं किया है. इस कारण इनकी सदस्यता रद्द कर दी गयी है.
रांची: बिहार सरकार ने 1947 से 2000 के बीच निबंधित यूनियनों की सदस्यता रद्द की है. झारखंड में संचालित होने के कारण इन यूनियनों का वार्षिक रिपोर्ट झारखंड में जमा हो रही है. नियम है कि जहां यूनियनें संचालित है, वहां उनको वार्षिक रिपोर्ट जमा करानी है.
झारखंड में संचालित यूनियनों की मान्यता रद्द करने संबंधी सूचना बिहार सरकार ने श्रम संगठनों को भेज दी है. साथ ही इनकी सूची भी झारखंड को भेज दी गयी है. बिहार सरकार ने अपने आदेश में लिखा है कि सभी यूनियनों को ससमय तय वार्षिक विवरणी जमा करना है. इन यूनियनों द्वारा श्रमिक संघ अधिनियम 1926 की धारा 28 के तहत वार्षिक विवरणी कार्यालय को समर्पित नहीं किया जा रहा है. बिहार सरकार ने कहा कि अगर ये यूनियनें झारखंड में निबंधित हुई, तो इसकी सूचना उपलब्ध करायी जाये. लेकिन, राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गयी.
क्या कहते हैं यूनियन के पदाधिकारी : सीटू के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव बताते हैं कि झारखंड में संचालित करीब-करीब सभी यूनियनें पुरानी हैं. इनका निबंधन संयुक्त बिहार में हुआ था. राज्य गठन के बाद वहां से यूनियनों के कागजात लाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी. राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया. कई यूनियनों का निबंधन काफी पुरानी है. यूनियनों के पास निबंधन का प्रमाण पत्र नहीं है. इस कारण केंद्र सरकार के निर्देश के बाद सदस्यता सत्यापन में परेशानी हो रही है. ऐसे में राज्य सरकार को सहयोग करना चाहिए. रास्ता नहीं निकलने पर न्यायालय की शरण में जाना होगा.
क्या कहते हैं पदाधिकारी : राज्य के निबंधक श्रम संगठन सह श्रमायुक्त प्रवीण टोप्पो का कहना है कि झारखंड के पास जिन यूनियनों का निबंधन प्रमाण है. उसको यहां से डुप्लीकेट कॉपी उपलब्ध करा दी जायेगी.
कुछ महत्वपूर्ण निबंधित यूनियनें जिनका निबंधन रद्द किया गया
टाटा लोकोमोटिव एंड इंजीनियरिंग, जमशेदपुर
को-ऑपरेशन इम्पलाइज यूनियन, साकची, जमशेदपुर
म्युनिसिपिलिटी हरिजन कर्मचारी कांग्रेस, जमशेदपुर
जमशेदपुर, ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन, जमशेदपुर
ह्यूम पाइप वर्कर्स यूनियन, जमशेदपुर
हजारीबाग जिला मजदूर यूनियन, हजारीबाग
स्टेट रेलवे कोलियरी मजदूर यूनियन, हजारीबाग
मुनी एल्युमिनियम फैक्टरी वर्कर्स यूनियन, हजारीबाग
इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी माइंस एंव वर्कर्स यूनियन, मानभूम
मानभूम जिला बोर्ड इम्पलाइज एसोसिएशन, मानभूम
बराकर कोल कंपनी मजदूर यूनियन, मानभूम
मेटल कॉरपोरेशन वर्कर्स यूनियन, मानभूम
चिकुंडा कोल वर्कर्स यूनियन, मानभूम
मैकेनिकल्स कोलियरी वर्कर्स यूनियन, मानभूम
गुलफरबारी मजदूर यूनियन, मानभूम
सिंदरी वर्कर्स यूनियन, कोमागढ़, मानभूम
सेंदरा लेबर यूनियन, मानभूम
भटगोनिया कोलियरी वर्कर्स यूनियन, मानभूम
अनगरा पत्थरा कोलियरी मजदूर यूनियन, मानभूम
कतरास मजदूर एसोसिएशन, मानभूम
कांके कोलियरी वर्कर्स यूनियन, मानभूम
परफिलिया कोलियरी लेबर यूनियन, मानभूम
बरारी कांग्रेस खान मजदूर संघ, मानभूम
इएनए कोलियरी मजदूर यूनियन, झरिया
झरिया माइंस बोर्ड ऑफ हेल्थ इम्पलाइज यूनियन, झरिया
डेलीवेज अर्नेस यूनियन झासागरी, देवघर
बेरमू कोल फील्ड्स मजदूर यूनियन, बोकारो
कोयला मजदूर पंचायत, गोमिया
नाॅर्थ गोमिया कोल फील्ड वर्कर्स यूनियन
तिसरा कोल फील्ड्स वर्कर्स यूनियन
मानभूम प्रेस वर्कर्स यूनियन, पुरुलिया
सलटूर कोलियरी लेबर यूनियन, निटुरिया
भावरा कोलियरी वर्कर्स यूनियन
एसयूपीसी स्टॉफ एसोसिएशन, पलामू
नहीं अायी बिहार से फाइल
राज्य बंटवारे का बाद झारखंड में संचालित यूनियनों की फाइल बिहार से नहीं आयी. इसका खुलासा श्रम संगठनों द्वारा आरटीअाइ से मांगी गयी सूचना से मिली. अभी भारत सरकार के निर्देश पर सभी राज्यों की ट्रेड यूनियनों का सत्यापन चल रहा है. इसमें ट्रेड यूनियनों को निबंधन प्रमाण पत्र, सदस्यता रजिस्टर, सदस्यता की सत्यापित कॉपी, ट्रेड यूनियन का संविधान तथा संबद्धता का प्रमाण पत्र जमा करना है. झारखंड की ट्रेड यूनियनों ने जब सत्यापन के लिए निबंधन प्रमाण पत्र की डुप्लीकेट कॉपी मांगी, तो बताया गया कि झारखंड के पास यह उपलब्ध नहीं है. बिहार सरकार से संपर्क करने पर भी उपलब्धता से इनकार कर दिया.

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