नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : भारत ने गुरुवारको कहा कि रूस ने भारत-पाकिस्तान के मुद्दों को सुलझाने के लिए उसे मध्यस्थता की कोई पेशकश नहीं की है और मॉस्को इस तरह के सभी मामलों का आतंकमुक्त माहौल में द्विपक्षीय समाधान निकालने के नयी दिल्ली के रुख से भलीभांति अवगत है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले का बयान पाकिस्तानी प्रेस में आयी इन खबरों के बाद आया कि रूस ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता का इरादा जताया है. नयी दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में एक वरिष्ठ राजनयिक ने भी इन खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि यह पाकिस्तान की अपनी उम्मीदों के हिसाब से सोची गयी बात है.
पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के अनुसार पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, हम यूएनएससी एजेंडा पर लंबित इस मुद्दे में भूमिका निभाने के लिए यूएनएससी के स्थायी सदस्य रूस के ध्यान देने और उसके इरादे का स्वागत करते हैं. जकारिया से साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान इन खबरों के बारे में पूछा गया था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में एससीओ सम्मेलन से इतर पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से अपनी मुलाकात में भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों के समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी.
इस बारे में जब प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया तो बागले ने कहा, रूस ने भारत को मध्यस्थता की कोई पेशकश नहीं की है. पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों को आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने के भारत के सतत रुख से भलीभांति अवगत है. रूसी दूतावास में एक वरिष्ठ राजनयिक ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा, हमारे पास हमारे राष्ट्रपति द्वारा इस तरह का कोई प्रस्ताव दिये जाने की कोई जानकारी नहीं है. रूस की स्थिति स्पष्ट है कि भारत-पाक के मुद्दे द्विपक्षीय तरीके से सुलझाये जाने चाहिए और हम कभी इसके विपरीत कोई सुझाव नहीं देंगे. उन्होंने कहा, यह पाकिस्तान की उसकी उम्मीद के हिसाब से सोची गयी बात लगती है.