कल जमशेदपुर स्थित बागबेड़ा कॉलोनी में एक पांच वर्ष की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई. ऐसा करने वाले बच्चे ही हैं और उनकी ऊम्र महज 10 साल, 8 साल और 12 साल. आखिर यह घटना क्यों घटी? यह बड़ा प्रश्न है, जिस पर हम सभी को गंभीरता से सोचना चाहिए. आज टीवी, फिल्म, इंटरनेट, विज्ञापन आदि के मध्यमो से अश्लीलता परोसी जा रही है. नारी के शरीर को एक उत्पाद के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है.
इस विज्ञापनी दौर ने धीरे-धीरे नारी के शरीर को बस एक खिलौने के रूप में तबदील करके रख दिया है. छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सामूहिक बलात्कार की यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है. समाज में बढ़ रहे दानव को रोका न गया, तो हमारे भविष्य के कर्णधार बरबाद हो जायेंगे.
रवि कुमार, इमेल से