रांची : महिलाओं के नाम पर 50 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर सरकार सिर्फ एक रुपये शुल्क लेगी. यह छूट किसी एक महिला को केवल एक ही बार मिलेगी. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी. इसके अनुसार, इस छूट का लाभ लेने के लिए महिला को शपथ पत्र दायर करना होगा.
इसमें बताना होगा कि उसने अब तक इस तरह की कोई छूट का लाभ नहीं लिया है. अगर संपत्ति पुरुष के साथ संयुक्त रूप से खरीदी जाती है, तो छूट का लाभ नहीं मिलेगा. पर संयुक्त रूप से एक से अधिक महिलाओं के नाम संपत्ति खरीदी जाये, तो उन्हें भी छूट दी जायेगी. पर इस मामले में भी संपत्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए. संपत्ति का मूल्य 50 लाख से अधिक होने पर अतिरिक्त राशि पर देय फीस महिला को चुकानी होगी.
किसानों को बड़ी राहत : कैबिनेट ने राज्य के किसानों को दिये जानेवाले कृषि ऋण पर मात्र एक प्रतिशत सूद वसूलने के प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान कर दी. इसके अनुसार, वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लिया था और वह एक साल के अंदर इसे चुकायें हों , तो उन्हें सिर्फ एक प्रतिशत की दर से सूद का भुगतान करना होगा. नियमत: बैंक किसानों को सात प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देते हैं. एक साल के अंदर इसे चुकाने पर तीन प्रतिशत की भरपाई केंद्र सरकार करती है. किसानों को चार प्रतिशत ब्याज का ही भुगतान करना पड़ता है.अब इस चार प्रतिशत में तीन फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी. एक साल की निर्धारित समय सीमा के अंदर कर्ज नहीं चुकानेवाले किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा. उनसे सात प्रतिशत की दर से ही ब्याज की वसूली की जायेगी. चालू वित्तीय वर्ष के दौरान इस मद में 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बैंकों को सरकार यह राशि प्रति क्लेम के आधार पर चुकायेगी.
आवास बोर्ड नियमावली में संशोधन : कैबिनेट ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड भू-संपदा का प्रबंधन एवं निस्तार नियमावली 2004 के नियम नौ और 10 में संशोधन करने का फैसला लिया है. नियम नौ में किये गये संशोधन के तहत तीन लाख रुपये की वार्षिक आमदनी वाले लोगों को आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग. तीन से छह लाख तक की वार्षिक आय वालों को अल्प आय वर्ग, छह से 12 लाख तक की वार्षिक आय वालों को मध्यम आय वर्ग और 12 लाख से अधिक वार्षिक आय वालों को उच्च वर्ग के रूप में परिभाषित किया गया है. नियम 10 में किये गये संशोधन के तहत जिन व्यक्तियों से आवास बोर्ड जमीन का अधिग्रहण करता है, उन्हें कुल आवंटन योग्य जमीन, मकान आदि का 10 प्रतिशत आरक्षित कर दिया जायेगा. इनमें आठ प्रतिशत का उपयोग वह आवासीय कार्य के लिए और दो फीसदी का उपयोग व्यावसायिक कार्य के लिए कर सकेंगे. शेष 90 प्रतिशत आवंटन योग्य जमीन, मकान, फ्लैट आदि को विभिन्न वर्गों में आरक्षण के आधार पर दिया जायेगा. विधायकों और सांसदों के लिए दो प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है.
विधायकों और सांसदों के लिए आवंटन राज्य सरकार की अनुशंसा पर होगा. कैबिनेट ने सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए आठ प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 23 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए तीन प्रतिशत, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के लिए चार प्रतिशत, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है. आवंटन में परित्यक्ता और बेसहारा विधवाओं के लिए एक प्रतिशत का प्रावधान किया गया है. इन सभी वर्गों में दिव्यांगों के लिए तीन प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान भी लागू किया गया है. नियमावली में संशोधन कर कुल आवंटन योग्य जमीन, मकान या फ्लैट का पांच प्रतिशत विशेष परिस्थिति में सरकार की अनुशंसा पर आवंटित करने का नियम बनाया गया है.
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