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दिव्यांगों के लिए खुशखबरी: अब राज्य सरकार चलायेगी छह विकलांग पुनर्वास केंद्र

रांची : समाज कल्याण विभाग ने राज्य के लगभग बंद पड़े छह जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र (डीडीअारसी) के संचालन को मंजूरी दे दी है. इसके लिए दो करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इन केंद्रों के संचालन का खर्च केंद्र सरकार देती थी, पर गत कई वर्षों से यह अनुदान राशि मिलनी बंद हो गयी […]

रांची : समाज कल्याण विभाग ने राज्य के लगभग बंद पड़े छह जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र (डीडीअारसी) के संचालन को मंजूरी दे दी है. इसके लिए दो करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इन केंद्रों के संचालन का खर्च केंद्र सरकार देती थी, पर गत कई वर्षों से यह अनुदान राशि मिलनी बंद हो गयी है़ इस कारण रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, दुमका, धनबाद व पलामू स्थित ये केंद्र लगभग बंद हैं. अब यह निर्णय हुआ है कि राज्य सरकार इन्हें अपने नियंत्रण में लेकर सभी डीडीआरसी को बहुउद्देशीय पुनर्वास केंद्र की तरह विकसित करेगी.

सबसे पहले इन छह डीडीआरसी से आसपास के शेष जिलों को संबद्ध किया जायेगा. वहीं सभी केंद्र संबंधित जिला अस्पतालों से भी अटैच होंगे. यहां दिव्यांगों के प्रमाण पत्र निर्गत होने के अलावा उन्हें सरकारी योजनाअों का लाभ दिलाया जायेगा. इसे दिव्यांगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम कहा जा रहा है. इन केंद्रों में दिव्यांग जनों का प्रशिक्षण व पुनर्वास दोनों होगा. इन केंद्रों में पोलियो का अॉपरेशन (करेक्टिव सर्जरी) होगा तथा मूक-बधिर के इलाज सहित इसके अॉपरेशन की भी सुविधा उपलब्ध होगी. इधर, इन केंद्रों को मॉडल बना कर इनके सदुपयोग के लिए दूसरे राज्यों का अध्ययन भी किया जा रहा है. राज्य नि:शक्तता अायुक्त सतीश चंद्र तथा समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव चित्तरंजन दास अभी दो दिन पहले अोड़िशा से लौटे हैं.
अब 21 तरह की विकलांगता : पहले सिर्फ सात तरह की विकलांगता ही परिभाषित थी. यानी इन्हीं केटेगरी के दिव्यांग जनों को सरकारी योजनाअों का लाभ मिलता था. पर दिव्यांग अधिकार अधिनियम-2016 के तहत विकलांगता को कुल 21 श्रेणियों में परिभाषित किया गया है. अब इन सभी केटेगरी के दिव्यांग जन सरकारी व अन्य योजनाअों के लाभ के पात्र होंगे.
विकलांगता की केटेगरी : मानसिक मंदता (मेंटल रिटार्डेशन), स्वलीनता (अॉटिज्म स्पेक्ट्रम डिजॉर्डर), सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक रोगी (मेंटल इलनेस) , श्रवण बाधा (हियरिंग इंपेयरमेंट), मूक निशक्तता (स्पीच इंपेयरमेंट), दृष्टि बाधित (ब्लाइंडनेस), अल्प दृष्टि (लो-विजन), चलन नि:शक्तता (लोकोमोटर डिजैब्लिटी), कुष्ठ रोग से मुक्त (लेप्रसी क्योर्ड), बौनापन (ड्वारफिज्म), तेजाब हमला पीड़ित (एसिड अटैक विक्टिम), मांसपेशी दुर्विकास (मस्कुलर डिसट्रॉफी), स्पेसफिक लर्निंग डिजैब्लिटी), बौद्धिक निशक्ततता (इंटलैक्चुअल डिजैब्लिटीज), मल्टीपल स्कलेरोसिस, पार्किसंस रोग, हीमोफोलिया/अधि रक्तस्राव, थैलेसीमिया, सिकल सेल डिजीज, बहु नि:शक्ततता (मल्टीपल डिजैब्लिटी).
विभागीय मंत्री व सचिव ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. विकलांग पुनर्वास केंद्र खुलने तथा यहां विभिन्न सुविधाएं मिलने से दिव्यांग जन मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे.
सतीश चंद्र , नि:शक्ततता आयुक्त

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