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इस बार पुलिसिया धमक से नक्सलियों को हुआ ज्यादा नुकसान, फिर पुलिस को चकमा दे गया आकाश व सचिन

गालूडीह: गालूडीह थानांतर्गत कीयाझरना पहाड़ पर शुक्रवार की सुबह एक बार फिर एक करोड़ का इनामी शीर्ष माओवादी असीम मंडल उर्फ आकाश और 15 लाख का इनामी सचिन पुलिस-सीआरपीएफ के हत्थे चढ़ने से बच गया. ज्ञात हो कि बीते अप्रैल में भी मिर्गीटांड़ से सटे जंगलों में पुलिस के साथ नक्सलियों का आमना-सामना हुआ था. […]

गालूडीह: गालूडीह थानांतर्गत कीयाझरना पहाड़ पर शुक्रवार की सुबह एक बार फिर एक करोड़ का इनामी शीर्ष माओवादी असीम मंडल उर्फ आकाश और 15 लाख का इनामी सचिन पुलिस-सीआरपीएफ के हत्थे चढ़ने से बच गया. ज्ञात हो कि बीते अप्रैल में भी मिर्गीटांड़ से सटे जंगलों में पुलिस के साथ नक्सलियों का आमना-सामना हुआ था. उस वक्त भी आकाश अपनी टीम के साथ भाग पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था. हालांकि इसबार पुलिसिया धमक से नक्सलियों को ज्यादा नुकसान हुआ है. रायफल, पिस्टल व गोलियां छोड़कर भागना इसकी पुष्टि करता है.
गुप्त सूचना पर जिला पुलिस ने की कार्रवाई. एसपी (अभियान) प्रणवानंद झा ने बताया कि काशीडांगा गांव से सटे पहाड़ पर आकाश और मदन समेत पूरी टीम के ठहरने की गुप्त सूचना मिली थी. हालांकि पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद नक्सली धारागिरी की ओर भाग निकले. एसएसपी ने भी प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि दस्ते में नक्सली सचिन शामिल था.
कभी नक्सलियों का बेसकैंप था कीयाझरना. झाटीझरना पंचायत के टेरापानी गांव से सटा कीयाझरना पहाड़ कभी नक्सलियों का बेस कैंप हुआ करता था. नक्सली इस पहाड़ की चोटी पर स्थायी कैंप बनाकर रहते थे. वर्ष 2008 में तत्कालीन एसपी नवीन सिंह ने इस पहाड़ पर नक्सलियों की बैठक की सूचना पर घेराबंदी की थी. लगातार 12 घंटे तक फायरिंग के बाद नक्सलियों को भागना पड़ा था. काशीडांगा में दूसरी बार मुठभेड़. एसएसपी ने बताया कि कासाडांगा की पहाड़ी में नक्सलियों के साथ पुलिस की यह दूसरी मुठभेड़ है. उंचाई पर होने का मिला फायदा मुठभेड़ के बाद नक्सली बंगाल की तरफ भाग निकले. नक्सली पहाड़ की उंचाई पर थे. पुलिस नीचे से घेरने में जुटी थी. नक्सली पुिलस फायरिंग के बीच भाग निकले. हालांकि पुलिस को सचिन का इंसास नहीं मिला है.
2017 में समाप्त कर देंगे नक्सली गतिविधियां : एसएसपी
एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने कहा कि वर्ष 2017 में घाटशिला और गालूडीह इलाके से नक्सलियों की गतिविधियां पूरी तरह खत्म कर देंगे. गुड़ाबांदा क्षेत्र नक्सल मुक्त हो चुका है. पुलिस अब घाटशिला और गालूडीह पर फोकस कर रही है. आकाश और सचिन से सरेंडर करने के बिंदू पर बातचीत नहीं हो पा रही है. एनकाउंटर के बाद ही आकाश दस्ते से सरेंडर का रास्ता निकल पायेगा. एसएसपी ने कहा कि गुड़ाबांदा के नक्सल मुक्त होने के बाद जनता का विश्वास बढ़ा है. यही कारण है कि नक्सली बंदी के दौरान भी घाटशिला, मुसाबनी और डुमरिया के बाजार खुले रहे.

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