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पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने कहा, जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए बने कानूनों से छेड़-छाड़ ना हो

– अंग्रेजों को विरोध झेलना पड़ा तो बनाया एक्ट – सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संसोधन पर सरकार को सुझाव दिये हैं – क्राइम कंट्रोल होना चाहिए, शांति से ही विकास होता है – होल्डिंग टैक्स का निर्धारण स्थानीय निकाय बॉडी को ही करना चाहिए – भाजपा कार्यकर्ता के हत्यारे, जल्द सलाखों के पीछे हों मुख्य संवाददाता, […]

– अंग्रेजों को विरोध झेलना पड़ा तो बनाया एक्ट

– सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संसोधन पर सरकार को सुझाव दिये हैं

– क्राइम कंट्रोल होना चाहिए, शांति से ही विकास होता है

– होल्डिंग टैक्स का निर्धारण स्थानीय निकाय बॉडी को ही करना चाहिए

– भाजपा कार्यकर्ता के हत्यारे, जल्द सलाखों के पीछे हों

मुख्य संवाददाता, देवघर

जल-जंगल और जमीन झारखंडियों की अस्मिता से जुड़ा है. इसकी रक्षा के लिए बना कोई भी कानून या नीति दूरगामी परिणाम के लिए होता है. इसमें बिना सोचे-समझे छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए. उक्त बातें झारखंड के पूर्व सीएम मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने देवघर सर्किट हाउस में कही. श्री मुंडा श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद आश्रम में बबॉय दा की 50वें जन्मदिन के कार्यक्रम में आशीर्वाद लेने आये थे.

उन्होंने कहा कि एक बार अंग्रेजों ने झारखंड के आदिवासियों की जल-जगंल-जमीन पर पर कब्जा करने की कोशिश की थी तो भगवान बिरसा मुंडा ने विद्रोह किया और आंदोलन इतना जबरदस्त हुआ कि अंग्रेजों को झुकना पड़ा. ऐसी नौबत न आये, इसलिए उन्होंने सरकार को सुझाव दिये हैं.

शांति रहेगी तभी विकास होगा

झारखंड में बिगड़ती कानून व्यवस्था के सवाल पर श्री मुंडा ने कहा कि राज्य में क्राइम कंट्रोल होना बहुत जरूरी है. क्योकि शांति रहेगी तभी विकास होगा. इसके लिए शासन तंत्र को पहले जनभावनाओं को समझना होगा. उन्होंने मोहनपुर में भाजपा नेता नरेंद्र यादव की हत्या पर शोक संवेदना प्रकट किया और कहा कि इस तरह से राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या दुखद है. दोषी सलाखों के पीछे हों, लॉ एंड ऑर्डर को मजबूत होना चाहिए.

होल्डिंग टैक्स तय करने का अधिकार निकाय बॉडी को

झारखंड में होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी व फाइन वसूली से त्रस्त जनता के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी निगम या निकाय क्षेत्र की होल्डिंग टैक्स की दर तय करने का अधिकार निकाय बॉडी को है. आश्चर्य की बात है कि झारखंड में दर सरकार ने तय किया है और वसूली का अधिकार प्राइवेट एजेंसी को दे दिया है. जो कमीशन लेते हैं. उन्होंने कहा कि जब यह नीति तय हो रही थी, तभी संबंधित मंत्री को सुझाव देना चाहिए था.

संगठन व सरकार के बीच दूरी के सवाल को टाल गये मुंडा

संगठन व सरकार के बीच की दूरी के सवाल को पूर्व मुख्यमंत्री को टाल गये. उन्होंने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है और संगठन अपना. अधिकारी कार्यकर्ताओं की तो दूर, एमपी-एमएलए तक की नहीं सुनते. इस पर उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को यह फिडबैक मिला था. इस कारण उनका बयान आया था.

इस अवसर पर विधायक नारायण दास, जिलाध्यक्ष दिवाकर गुप्ता, सुनील मिश्रा, रीता चौरसिया, भाजपा महिला जिलाध्यक्ष विजया सिंह, पंकज भदोरिया, भाजयुमो जिलाध्यक्ष अभय आनंद, मिथिलेश सिन्हा, नगर अध्यक्ष सोनाधारी झा आदि मौजूद थे.

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