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हत्यारे चाचा को उम्रकैद
2015 में घरेलू विवाद को लेकर जम्होर थाने के चित्रगोपी गांव की घटना राणा सिंह ने कर दी थी बड़े भाई प्रह्लाद सिंह के बेटे मयंक की हत्या औरंगाबाद नगर : व्यवहार न्यायालय के त्वरित न्यायालय छह के न्यायाधीश विपिन बिहारी पांडेय की अदालत ने मंगलवार को हत्या मामले की सुनवाई करते हुए भतीजे के […]
2015 में घरेलू विवाद को लेकर जम्होर थाने के चित्रगोपी गांव की घटना
राणा सिंह ने कर दी थी बड़े भाई प्रह्लाद सिंह के बेटे मयंक की हत्या
औरंगाबाद नगर : व्यवहार न्यायालय के त्वरित न्यायालय छह के न्यायाधीश विपिन बिहारी पांडेय की अदालत ने मंगलवार को हत्या मामले की सुनवाई करते हुए भतीजे के हत्या करनेवाले चाचा जम्होर थाने के चित्रगोपी के रहनेवाले राणा सिंह को आजीवन करावास की सजा सुनायी है. यह फैसला जम्होर थाना कांड संख्या 66/2015 में धारा 302 व 27 आर्म्स एक्ट के तहत सुनाया है.
मामला यह है कि वर्ष 2015 में घरेलू विवाद को लेकर चाचा राणा ने अपने बड़े भाई प्रह्लाद सिंह के बड़े पुत्र मयंक कुमार उर्फ सौरभ की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस घटना से संबंधित प्राथमिकी मृतक की मां इंद्रपुरी देवी के बयान पर जम्होर थाना में दर्ज की गयी थी.
इसमें चाचा राणा सिंह, चाची कलावती देवी व गांव के एक व्यक्ति गणेश पासवान को नामजद आरोपित बनाया गया था. पुलिस ने राणा सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, तब से अब तक आरोपित जेल में बंद है. दो साल के अंदर मामले के एक आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. वही 30 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.
इस कांड में अभियोजन पक्ष से एपीपी कुमार योगेंद्र नारायण सिंह, बचाव पक्ष से अधिवक्ता परशुराम सिंह ने बहस की. इधर, मृतक के पिता का कहना है कि अभी उन्हें न्याय नहीं मिला है. दो आरोपित अब भी खुलेआम घूम रहे हैं. जब तक उन लोगों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे. कोर्ट ने धारा 302 में आजीवन कारावास व 20 हजार जुर्माना तथा 27 आर्म्स एक्ट में सात वर्ष व 10 हजार जुर्माना लगाया है. जुर्माना की राशि मृतक की मां को दी जानी है.
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