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पानी कैसे बचाएं!
संतोष उत्सुक टिप्पणीकार शहर की प्राचीन व प्रसिद्ध सामाजिक संस्था ने निर्णय लिया कि गरमी के मौसम में जल बचाने के उपायों पर, स्कूल के बच्चों में चित्रकला प्रतियोगिता करवायी जाये. महीनों बाद हुई संस्था की बैठक में एक मत से निर्णय लिया गया कि ‘पानी कैसे बचायें’ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर प्रतियोगिता के लिए […]
संतोष उत्सुक
टिप्पणीकार
शहर की प्राचीन व प्रसिद्ध सामाजिक संस्था ने निर्णय लिया कि गरमी के मौसम में जल बचाने के उपायों पर, स्कूल के बच्चों में चित्रकला प्रतियोगिता करवायी जाये. महीनों बाद हुई संस्था की बैठक में एक मत से निर्णय लिया गया कि ‘पानी कैसे बचायें’ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर प्रतियोगिता के लिए सबसे बढ़िया परिसर वाला स्कूल चुना जाये.
बढ़िया स्कूल चुनने का सीधा सा एक ही कारण रहा, वहां आयोजन करने में कोई दिक्कत नहीं होती.बच्चों के बैठने के लिए डेस्क, मेहमानों के लिए सोफे व आरामदायक कुर्सियां हैं. पीने के लिए एक्वागार्ड का पानी, बिजली न हो तो जेनरेटर है. चाय-समोसे कैंटीन में आराम से मिल जाते हैं . गाड़ियों के लिए पार्किंग भी है. वहां नेताओं व अफसरों की पत्नियां शिक्षक हैं, तभी तो मंत्री या बड़े सरकारी अफसर मुख्य अतिथि के रूप में उपलब्ध होने में आसानी है.
प्रतियोगिता का दिन व समय निश्चित हो गया. सरकार के सिंचाई व जन स्वास्थ्य मंत्री मुख्य अतिथि होने को सहर्ष तैयार हो गये. मंत्रीजी के लिए स्मृति चिन्ह व विजेताओं के लिए पुरस्कार खरीदे गये.
गरमी में हर जगह पानी की कमी है, इसकी परेशानी न हो, इसलिए बढ़िया ब्रांड के पैक्ड पानी की बोतलें भी खरीद ली गयीं. विद्यार्थी ऐसी प्रतियोगिता में पहले भी कई बार हिस्सा ले चुके थे. उन्हें अच्छी तरह से पता था कि ‘पानी कैसे बचायें’ विषय पर चित्र प्रतियोगिता में कौन सा चित्र बनाया जाता है. इत्तेफाक से उस दिन स्कूल में पानी नहीं आया. मंत्रीजी ने अपने भाषण में कहा, ‘पानी के बिना संसार की कल्पना नहीं की जा सकती. गरमी में मौसम का पारा उठता है और जल का स्तर घटता है.
आप लोगों ने पेंटिंग के माध्यम से जल को व्यर्थ न होने देने का जो संदेश दिया है, उसकी मैं प्रशंसा करता हूं’. बाद में उन्होनें स्टाफ सदस्यों को बताया कि विपक्ष के असहयोग के कारण पानी की कमी दूर नहीं हो पाती.
सबसे अच्छी बात यह रही कि मुख्य अतिथि ने स्कूल प्रबंधन को, निजी प्रयोग हेतु उपहार स्वरूप पैक्ड पानी की बोतलें दी, जो कि शहर में लगी नयी वाटर फैक्ट्री के सौजन्य से प्राप्त हुई थी.
यह यूनिट मंत्रीजी के ‘बेरोजगार’ सुपुत्र ने शहर में पीने के पानी की कमी दूर करने के लिए लगायी है. प्रतियोगिता ठीक से निपटने पर आयोजक संस्था के संतुष्ट सचिव ने धन्यवाद करते हुए कहा कि आज हम सबने मिल कर, पानी कैसे बचायें जैसे सामयिक व महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से समाज को अपना बहुमूल्य सहयोग दिया. धन्यवाद!
आयोजन की विस्तृत रिपोर्ट, जिसमें बहुत से नाम थे, अगले दिन सभी अखबारों में फोटो सहित छपी.
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