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बदलने लगी जंकशन की सूरत

दरभंगा : ‘सुरखुरू होता है इंसा ठोकरें खाने के बाद’ मशहूर शेर की यह पंक्ति रेल महकमा पर पूरी तरह सटीक बैठ रही है. सबसे गंदे स्टेशन के रूप में देश भर में कुख्यात होने के बाद दरभंगा जंकशन के प्रति रेल प्रशासन संजीदा हुआ है. न केवल साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा […]

दरभंगा : ‘सुरखुरू होता है इंसा ठोकरें खाने के बाद’ मशहूर शेर की यह पंक्ति रेल महकमा पर पूरी तरह सटीक बैठ रही है. सबसे गंदे स्टेशन के रूप में देश भर में कुख्यात होने के बाद दरभंगा जंकशन के प्रति रेल प्रशासन संजीदा हुआ है.
न केवल साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, बल्कि यात्री सुविधा की दिशा में भी ठोस पहलकदमी शुरू हुई है. निश्चित तौर पर इसका सीधा लाभ रेल यात्रियों को मिलने लगा है. एक तरफ जहां उपलब्ध यात्री सुविधा मुहैया कराने के प्रति विभागीय पदाधिकारी तत्पर हुए हैं तो दूसरी ओर जंकशन के विकास का खांका भी खींचा जाना शुरू हो गया है. इस स्थिति को देखकर लोगों के बीच एक चर्चा जोर-शोर से हो रही है. चुटकी लेते हुए लोग कहते मिल जाते हैं कि अच्छा हुआ जो साफ-सफाई के सर्वे में दरभंगा जंकशन की रैंकिंग सबसे खराब हुई. अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो इस दिशा में रेलवे के पदाधिकारी गंभीर नहीं होते.
सर्वे रिपोर्ट ने किया शर्मसार:
राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख स्टेशनों की साफ-सफाई का आकलन करने के लिए रेलवे ने सर्वे कराया था. इसीके तहत समस्तीपुर मंडल के इकलौते ए-वन दर्जा प्राप्त स्टेशन का सर्वे करने के लिए तीन सदस्यीय टीम यहां पहुंची थी. यहां की साफ-सफाई को देखने के साथ ही इस दिशा में हो रहे काम तथा इसके तरीके की जानकारी लेकर टीम लौटी थी. गत मई माह की 17 तारीख को सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया. इसमें सर्वाधिक गंदे स्टेशन की श्रेणी में दरभंगा जंकशन अव्वल रहा.
तब जागा रेल प्रशासन: सर्वे रिपोर्ट आने के बाद पूरा रेल महकमा जाग उठा. जीएम से लेकर जंकशन के स्टेशन अधीक्षक तक की पेशानी पर बल पड़ गये. कारण सर्वाधिक राजस्व देने के कारण ही यह जंकशन सर्वोच्च दर्जा प्राप्त कर चुका है.
स्वच्छता से लेकर यात्री सुविधा की दृष्टि में इसका विकास इस दर्जे के अनुरूप होना चाहिए था. विभागीय पदाधिकारी की लापरवाही के कारण आज तक यह संभव नहीं हो सका. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद अचानक विभाग संजीदा हो गया. डीआरएम ने खुद इस मामले को गंभीरता से लिया. साकांक्ष महकमा ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए रिपोर्ट सार्वजनिक होने के अगले दिन से ही सुधार की दिशा में कदम बढ़ा दिया.
बेहतर हुई साफ-सफाई व्यवस्था
इसके बाद जंकशन की साफ-सफाई युद्धस्तर पर शुरू कर दी गयी. डीआरएम ने अपने स्तर से इसकी निगरानी के लिए एक टीम गठित कर दी. सीएचआइ तारकेश्वर चटर्जी भी पिल पड़े. पदाधिकारियों के आगमन के वक्त ही नजर आने वाले सफाई उपकरण का उपयोग नियमित रूप से होने लगा. नतीजतन सर्वाधिक गंदा स्टेशन के हालात में सुधार आने लगा.
दरभंगा : यात्री सुविधा को विस्तार देने के साथ ही रेलवे ने उन्हें अवैध उगाही से बचाने के लिए भी कवायद तेज कर दी है. सफर के दौरान खाने-पीने की वस्तु की कीमत मनमाने तरीके से वसूलने की आये दिन मिल रही शिकायत के मद्देनजर सामानों की दर तालिका चिपका दी है.
समस्तीपुर मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक वीरेंद्र कुमार के निर्देश पर बिहार संपर्क क्रांति, स्वतंत्रता सेनानी, पवन एक्सप्रेस सहित दूरगामी प्रमुख ट्रेनों में दर तालिका चिपकायी गयी है. साथ ही किसी तरह की समस्या होने पर शिकायत के लिए टॉल फ्री नंबर भी उसमें डाला गया है. यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने लंबी दूरी की प्रमुख गाड़ियों में पेंट्री कार की सुविधा दे रखा है. पेंट्री कार के कर्मी रेलवे की ओर से निर्धारित मात्रा से कम सामान उपलब्ध कराकर यात्रियों से अधिक पैसे वसूलते हैं. इसी के मद्देनजर रेलवे ने यह कदम उठाया है.
विभाग ने दिखायी सख्ती
इधर साफ-सफाई के अलावा गंदगी फैलाने वालों के प्रति भी विभाग का रूख सख्त हो गया. सीनियर डीसीएम वीरेंद्र कुमार के निर्देश पर टीटी, सीएचआइ तथा आरपीएफ की टीम ने ताबड़तोड़ जुर्माना शुरू कर दिया. महज तीन दिन में करीब सौ यात्री गंदगी फैलाते पकड़े गये, जिन्हें फाइन किया गया.

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