खुशखबरी चुनाव स्थगित कराने के प्रयास में सफल नहीं हुईं कुमकुम , एलपीए की नहीं हो सकी सुनवाई
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अब जनता की अदालत में होगा पार्षद का फैसला
खुशखबरी चुनाव स्थगित कराने के प्रयास में सफल नहीं हुईं कुमकुम , एलपीए की नहीं हो सकी सुनवाई मतदान चार जून को मुंगेर : मुंगेर नगर निगम के वार्ड संख्या 32 के मतदाताओं के लिए खुशखबरी है. अब वे अपने मताधिकार के माध्यम से अपना मनपसंद पार्षद चुन पायेंगे. इस वार्ड के निवर्तमान पार्षद सह […]
मतदान चार जून को
मुंगेर : मुंगेर नगर निगम के वार्ड संख्या 32 के मतदाताओं के लिए खुशखबरी है. अब वे अपने मताधिकार के माध्यम से अपना मनपसंद पार्षद चुन पायेंगे. इस वार्ड के निवर्तमान पार्षद सह निवर्तमान मेयर कुमकुम देवी अदालत के माध्यम से चुनाव पर रोक लगाने में कामयाब नहीं हो पायी. उनके द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दायर एलपीए की सुनवाई गुरुवार को नहीं हुई और अब यहां चार जून को मतदान की प्रक्रिया होगी. जिसमें इस वार्ड के मतदाता वोट के माध्यम से अपने प्रतिनिधि का चुनाव करेंगे.
वार्ड संख्या 32 निकाय चुनाव में सुर्खियों में रहा. वैसे भी निवर्तमान मेयर कुमकुम देवी का वार्ड होने के कारण यह वार्ड निगम के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इस वार्ड से नाम वापसी के बाद मात्र दो अभ्यर्थी चुनाव मैदान में बचे थे. जिसमें कुमकुम देवी और प्रसिद्ध समाजसेवी सुबोध वर्मा की पत्नी रूमा राज. दोनों ही प्रभावशाली प्रत्याशियों के बीच सह और मात का खेल इस कदर चलता रहा कि मतदाता पूरी तरह भ्रम की स्थिति में आ गये. दो-दो बार मामला पटना उच्च न्यायालय तक पहुंचा और अंतत: नियति ने यह तय कर दिया कि इस वार्ड के मतदाता ही वोट के माध्यम से दोनों प्रत्याशियों का भविष्य तय करेंगे.
कानूनी दाव-पेच में उलझता रहा मामला : निकाय चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही मुंगेर शहर के वार्ड नंबर 32 का मामला उलझता चला गया. नाम वापसी के बाद दोनों अभ्यर्थी कुमकुम देवी व रूमा राज को निर्वाची पदाधिकारी ने चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया. लेकिन कुमकुम देवी अपने प्रतिद्वंद्वी रूमा राज के नामांकन पत्र के शपथ पत्र में त्रुटि को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में अपील कर दी. सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने रूमा राज के नामांकन को रद्द कर दिया.
रूमा राज राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के विरुद्ध पटना उच्च न्यायालय में मामला दायर किया और जब मामले की सुनवाई चल ही रही थी तो कुमकुम देवी ने एक मात्र अभ्यर्थी के कारण वार्ड संख्या 32 से पार्षद के रूप में निर्विरोध निर्वाचन का प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर लिया.
न्यायालय ने दिया था चुनाव का आदेश: पटना उच्च न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए जहां रूमा राज के नामांकन पत्र को वैध घोषित किया. वहीं कुमकुम देवी के प्रमाण पत्र को रद्द करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को नयी तिथि पर चुनाव कराने का आदेश दिया. राज्य निर्वाचन आयोग ने चार जून को वार्ड संख्या 32 में चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी और प्रशासनिक स्तर पर इसकी तैयारी भी चल रही है. लेकिन जनता की अदालत के बजाय फिर कुमकुम देवी कानून की अदालत में चली गयी और पटना उच्च न्यायालय में एलपीए दायर कर चुनावी प्रक्रिया को स्थगित करने का प्रयास किया. वार्ड संख्या 32 में नगर निकाय का चुनाव चार जून को होगा. यहां कुल 3387 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे और वोट के माध्यम से पार्षद का चयन करेंगे. लोगों में इस बात की खुशी है कि वे अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल कर पायेंगे और अपने मनमाफिक प्रत्याशी को चुनेंगे. अन्यथा मामला इस प्रकार न्यायिक प्रक्रिया में उलझता जा रहा था कि जनता निराश हो चुकी थी कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पायेंगे.
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