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अब लैब में बनेगा कृत्रिम खून
एक्सीडेंट हो, एनीमिया हो या हो थैलेसीमिया रोगियों को सबसे पहले खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. विभिन्न अस्पताल को आये दिन खून की कमी से जूझना पड़ता है. इस समस्या को खत्म करने की कोशिशों में लगे विशेषज्ञ लैब में कृत्रिम खून बनाने के काफी करीब पहुंच चुके हैं. 20 वर्षों से जारी यह […]
एक्सीडेंट हो, एनीमिया हो या हो थैलेसीमिया रोगियों को सबसे पहले खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. विभिन्न अस्पताल को आये दिन खून की कमी से जूझना पड़ता है. इस समस्या को खत्म करने की कोशिशों में लगे विशेषज्ञ लैब में कृत्रिम खून बनाने के काफी करीब पहुंच चुके हैं. 20 वर्षों से जारी यह प्रयोग चरम पर पहुंच गया है.
बोस्टन चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉक्टर जॉर्ज डेले सह हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डीन ने बताया कि उनकी टीम प्रयोगशाला में मनुष्य के ब्लड का स्टेम शेल बनाने के काफी करीब पहुंच गयी है. उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने प्रयोगशाला में रक्त बनानेवाली स्टेम कोशिकाओं को विकसित कर लिया है.
प्रयोग के दौरान देखा गया कि यह कोशिकाएं जब चूहों में प्रविष्ट करायी गयीं, तो वे विभिन्न तरह के मन्युष्य के रक्त ब्लड शेल बना पा रही थीं. विशेषज्ञों ने 1988 में ह्यूमन एंब्रियोनिक स्टेम शेल की पहचान कर ली थी. इसके बाद से ही इनके जरिये रक्त का निर्माण करनेवाली स्टेम कोशिकाएं बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. अगर वे इस प्रयोग में सफल रहते हैं, तो यह रक्त संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए जीवनदान साबित होगी. यह प्रयोग सफल होने पर विशेषज्ञ जरूरतमंद मरीज के स्टेम शेल की मदद से उनके लिए रक्त का निर्माण कर सकेंगे.
यह शोध नेचर पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है. विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें एनीमिया, कैंसर और रक्त विकार जैसी गंभीर बीमारियों के अलावा बड़े ऑपरेशन में रक्त की जरूरत पड़ती है.
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