जोरी : तरवागडा पंचायत के परसिया निवासी राकेश मिस्त्री का पुत्र नीरज कुमार (9 वर्ष) की मौत एक झोला छाप चिकित्सक डॉक्टर के गलत इलाज से हो गयी. नीरज राकेश मिस्त्री का इकलौता पुत्र था. जानकारी के अनुसार नीरज ने पेशाब के रास्ते में जलन होने की शिकायत मां से की थी. उसकी मां घंघरी स्थित झोला छाप डॉक्टर अमृतेश कुमार की क्लिनिक में ले गयी. इंजेक्शन लगाते ही बच्चे की स्थिति बिगड़ने लगी.
झोला छाप डॉक्टर ने आनन-फानन में उसे शेरघाटी ले जाने लगा. इस दौरान धीरजा पुल के पास नीरज की मौत हो गयी. बच्चे की मौत से उनके परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल हैं. नीरज प्राथमिक विद्यालय दस कठवा में कक्षा चार का छात्र था. प्रखंड में आये दिन झोला छाप डॉक्टर के करनामे सामने आते रहते हैं. दो साल पूर्व घंघरी में एक झोला छाप चिकित्सक की लापरवाही से महिला की जान चली गयी थी. चिकित्सक पर थाना में मामला दर्ज कराया गया था. उस पर कार्रवाई नहीं होने से झोला छाप चिकित्सकों का मनोबल बढ़ा हुआ है. इधर, गांव के कुछ लोगों ने मामले को रफा-दफा कर शव को दफना दिया गया.
बुझ गया घर का चिराग : मृतक के दादा रामजी मिस्त्री ने रोते हुए बताया कि उसके तीन बेटे हैं. इसमें दूसरे बेटे राकेश का नीरज इकलौता पुत्र था. वह भी भगवान के प्यारे हो गया. अब मेरे घर का चिराग बुझ गया. नीरज की मौत से उसकी मां की हालत खराब हैं.