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400 दुकानें रहीं बंद, दिक्कत में मरीज
आपातकाल व जीवनरक्षक दवाओं के लिए शहर में खुलीरहीं तीन दुकानें भभुआ सदर. ऑल इंडिया आर्गेनाइजेशन ऑफ केमिसट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को जिले में भी नयी दवा नीति के विरोध में चार सौ से अधिक दवा दुकानदारों ने अपने मेडिकल स्टोर बंद रखे. शहर में भी स्थित लगभग 84 दुकानें इसके […]
आपातकाल व जीवनरक्षक दवाओं के लिए शहर में खुलीरहीं तीन दुकानें
भभुआ सदर. ऑल इंडिया आर्गेनाइजेशन ऑफ केमिसट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को जिले में भी नयी दवा नीति के विरोध में चार सौ से अधिक दवा दुकानदारों ने अपने मेडिकल स्टोर बंद रखे. शहर में भी स्थित लगभग 84 दुकानें इसके विरोध में बंद रहीं. हालांकि, बुलाये गये बंद में जीवन रक्षक व आपातकालीन दवाओं के लिए शहर में सिन्हा मेडिकल स्टोर, ममता मेडिकल हॉल व अलियार राम गंगा राम मेडिकल स्टोर को खुला रखा गया था. लेकिन, इन दुकानों पर उमड़ी भीड़ के चलते मरीजों व उनके परिजनों को दवा लेने में काफी परेशानी उठानी पड़ी.
जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के नगर अध्यक्ष राकेश कुमार ने बंद को सफल बताते हुए कहा कि नयी दवा नीति में उनका मुनाफा घटाया जा रहा है, जो उचित नहीं है. इसके तहत रिटेलर का जो मुनाफा अब तक 16 से 18 प्रतिशत था. वह 10 प्रतिशत और थोक का जो मुनाफा 10 प्रतिशत था सरकार ने उसे घटा कर छह प्रतिशत कर दिया जायेगा. इसके अलावे सरकार की नीति अनुसार इंटरनेट फार्मेसी के बढ़ावा से युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार के ड्रग व कॉस्मेटिक एक्ट 1940 व नियम 1945 में इंटरनेट फार्मेसी का कोई प्रावधान नहीं है. मंगलवार को शहर की अधिकतर दवा दुकानों के बंद रहने से आमलोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी और उन्हें जरूरी दवाओं के लिए शहर भर की दौड़ लगानी पड़ी.
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