सरकारी पक्ष से लोक अभियोजक सत्य नारायण प्रसाद साह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि पहली पत्नी से तलाक की बात झूठी कहते हुए दूसरी शादी रचायी, जो कि गलत है. आरोपित ने चंदा के साथ धोखा दिया. ऐसे आरोपित को अग्रिम जमानत नहीं मिलनी चाहिए. चंदा की तरफ से अधिवक्ता संजय कुमार मोदी व अजीत कुमार सोनू तथा बचाव पक्ष से सत्य नारायण पांडे ने पैरवी की.
बता दें कि निलंबित पदाधिकारी पर आरोप है कि उसने पहली पत्नी संतोषी के रहते तलाक की झूठी बात बता कर दूसरी शादी करने और उस लड़के को प्रताड़ित कर फिर से किसी और से शादी कराने की कोशिश की. चंदा टीएनबी के पीजी हॉस्टल नंबर चार के नाइट गार्ड विनोद सिंह की बेटी है.