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भूमि बैंक योजना संवैधानिक धोखाधड़ी : सालखन
रांची : आदिवासी सेंगेल अभियान के मुख्य संयोजक सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने राज्यपाल द्रौपदी के नाम 13 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा. उन्होंने राज्य सरकार की भूमि बैंक योजना को संवैधानिक धोखाधड़ी बताते हुए इसे अविलंब रोकने की मांग की है़. उन्होंने कहा है कि जनसाधारण की जमीन को बिना जनसाधारण की सहमति […]
रांची : आदिवासी सेंगेल अभियान के मुख्य संयोजक सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने राज्यपाल द्रौपदी के नाम 13 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा. उन्होंने राज्य सरकार की भूमि बैंक योजना को संवैधानिक धोखाधड़ी बताते हुए इसे अविलंब रोकने की मांग की है़.
उन्होंने कहा है कि जनसाधारण की जमीन को बिना जनसाधारण की सहमति के भूमि बैंक के नाम पर हड़पा जा रहा है़ देश में पारंपरिक व्यवस्था के तहत तालाबों व जनसाधारण के लिए निर्धारित गैर मजरूआ खास व आम जमीन की व्यवस्था को सरकारी स्वीकृति प्राप्त है़ जब पंजाब सरकार ने जनसाधारण के लिए उपयोगी तालाब को सरकारी कार्य के लिए रेग्युलराइज किया था, तब सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैरकानूनी कहा था़ भूमि बैंक के नाम पर सरकार नदी भी बेच रही है. यह खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के गांव लोहाजिमी की नदी की जमीन अधिग्रहित करने से प्रमाणित हुआ है़.
ज्ञापन में कहा गया है कि इस योजना से पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है़ टीएसी ने भूमि बैंक का प्रावधान पारित नहीं किया है़ यह पेसा कानून, भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास कानून 2013 और सुप्रीम कोर्ट के फैसले ‘जिसकी जमीन उसका खनिज’ का भी उल्लंघन है़ गैर मजरूआ आम व खास जमीन के साथ जमाबंदी जमीन का समयानुकूल सर्वे सेटेलमेंट नहीं करने के लिए सरकार दोषी है़
यह संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व आदिवासी दिवस घोषणा पत्र का उल्लंघन है, जिसमें सरकार पर आदिवासी या मूल निवासी को उसकी पारंपरिक कब्जे वाली जमीन पर मालिकाना हक देने का दायित्व है़ यह झारखंड के गठन के मूल उद्देश्य पर भी कुठाराघात है़
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