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सेंसेक्स में उछाल
कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन शेयर बाजार ने कीर्तिमान स्थापित किया. सेंसेक्स ने गुरुवार को 30,768 की रिकाॅर्ड ऊंचाई पार की थी और शुक्रवार के दिन बाजार की उछाल ने उसे 31,000 के पार पहुंचा दिया. सोमवार को भी कमोबेश स्थिति ऐसी ही बनी रही. एक अनुमान यह है कि निवेशक जून माह के वायदा […]
कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन शेयर बाजार ने कीर्तिमान स्थापित किया. सेंसेक्स ने गुरुवार को 30,768 की रिकाॅर्ड ऊंचाई पार की थी और शुक्रवार के दिन बाजार की उछाल ने उसे 31,000 के पार पहुंचा दिया. सोमवार को भी कमोबेश स्थिति ऐसी ही बनी रही. एक अनुमान यह है कि निवेशक जून माह के वायदा और विकल्प कारोबार के लिए नये सौदे करने में लगे हैं, सो सेंसेक्स और निफ्टी नयी ऊंचाई छू रहे हैं, जबकि शेयर बाजार के कुछ जानकार लार्जकैप शेयरों की खरीदारी को सेंसेक्स के उछाल की प्रमुख वजह बता रहे हैं.
ध्यान रहे कि शेयर बाजार में तेजी का रुझान कमोबेश पिछले दो माह से जारी है और मिडकैप तथा स्मॉलकैप शेयरों की खरीदारी भी बढ़ती पर है. चूंकि बाजार में आयी उछाल इसका संकेत है कि आनेवाले कुछ समय तक निवेशकों को लाभ के आसार दिख रहे हैं, इसलिए उछाल की वजह बाजार में भरोसा जगानेवाले सरकारी फैसलों में भी खोजे जाने चाहिए.
कारोबारियों को भरोसा है कि इस साल मॉनसून अच्छा रहेगा. मॉनसून की बारिश का रिश्ता सिर्फ खेतिहर समाज से नहीं है. खेतों में जब हरियाली बढ़ती है तो देश में बाजार भी गुलजार होता है. देश की आधी आबादी जीविका के लिए खेती-बाड़ी के सहारे है और इस आबादी के लिए अच्छे मॉनसून का अर्थ होता है, भरपूर उपज और उससे हासिल होनेवाले आमदनी की उम्मीद. खेतिहर समाज की आमदनी में तुलनात्मक रूप से तनिक भी वृद्धि हो, तो साबुन, तेल, शैंपू जैसे रोजमर्रा की चीजों से लेकर सोना-चांदी और दोपहिया-चारपहिया वाहनों तक की खरीद पर सकारात्मक असर पड़ता है. किसान ज्यादा भरोसे से कृषि-कर्ज लेता है, कृषि-उपकरण और उर्वरकों का बाजार बढ़ता है. थोड़े में कहें तो अच्छे मॉनसून का भरोसा घरेलू बाजार को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाता आया है.
इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि नोटबंदी के बाद के समय में बाजार ने अच्छी वापसी की है और जीएसटी के अंतर्गत सेवा और सामानों पर लगनेवाले करों को भी निर्धारित कर दिया गया है. जल्दी ही एक देश-एक बाजार का विचार साकार होने वाला है.
दुनिया के बड़े शेयर बाजार खासकर अमेरिकी डाऊजोंस में भी तेजी है. इन सारी बातों को देखते हुए विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि अगले कुछ सालों तक शेयर बाजार का बढ़ना सालाना 15-20 फीसद की रफ्तार से जारी रह सकता है. शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी द्वारा नेशनल स्टॉक एक्चेंज के बड़े अधिकारियों और कुछ शेयर कारोबारियों पर गलत तौर-तरीके से फायदा उठाने के मसले पर कार्रवाई से भी भरोसा बढ़ेगा. अर्थव्यवस्था के लिए यह निश्चित ही उत्साहवर्धक संकेत है.
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