आठ महीने पहले 25 सितंबर, 2016 को काम के सिलसिले से राज भाभी को नेपाल ले गया. दूसरे दिन 26 सितंबर को भाभी की लाश नेपाल पुलिस को मौरंग जिले के इस्ट-वेस्ट हाइवे से सटे कानेपोखरी जंगल से मिली. इस बाबत अग्नि ने नेपाल पुलिस के साथ-साथ सिलीगुड़ी में 29 सितंबर, 2016 को प्रधाननगर थाना में हत्या का मामला दायर भी कराया. आठ महीने बाद प्रधान नगर पुलिस ने हत्यारे राज को तीन दिन पहले सालबाड़ी के मेथिबाड़ी स्थित उसके मकान से ही गिरफ्तार किया है. लेकिन भाभी जब सिलीगुड़ी से नेपाल गयी थी तो उनके पास लाखों रूपये के सोने के गहने और नगद रूपये भी थे.
जो अब-तक बरामद नहीं हुए है. अग्नि ने दावे के साथ कहा है कि राज पूरा बिजनेस अपने नाम करना चाहता था और भाभी के साथ धोखा करने की साजिश काफी दिनों से रच रहा था. इसलिए उसने भाभी की हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया था. उन्होंने बताया कि उसके बड़े भाई और भाभी के दो छोटे मासूम बच्चे भी है. दोनों बच्चों की जिंदगी के मद्देनजर वह लोग पुलिस प्रशासन से भाभी के पायी-पायी रकम राज से निकलवाने की गुहार लगाते है और दोनों बच्चों को इंसाफ दिलाने की गुजारिश करते हैं.