दरभंगा : बिहार का एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय अपने पुस्तक संग्रह और वास्तुकला संबंधी विरासत को संरक्षित करने के लिए अपने परिसर में धरोहर प्रकोष्ठ की स्थापना की दिशा में काम कर रहा है. उत्तर बिहार के इस ऐतिहासिक शहर में 19वीं सदी की राजसी इमारत में स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू) की इस अनूठी पहल की राज्यपाल ने भी सराहना की है. दरभंगा राज के जमींदारों ने इस भवन का निर्माण करवाया था.
एलएनएमयू के कुलपति एसके सिंह मुताबिक, ‘‘एलएनएमयू के केंद्रीय पुस्तकालय में दरभंगा राज के संग्रह से ली गयी किताबों, पाण्डुलिपियों, तस्वीरों और अन्य ग्रंथों का विशाल संग्रह है. हमारी इमारत भी अमूल्य धरोहर है, ऐसे में धरोहर प्रकोष्ठ वक्त की जरुरत है.” उन्होंने कहा कि यह पहल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की तर्ज पर धरोहर को बनाए रखने के लिए की गयी है.
एसके सिंह ने कहा, ‘‘हमारे पास शानदार स्थापत्य विरासत है. मुख्य भवन (दरभंगा राज के समय के सचिवालय) के अलावा अन्य विरासत भवन भी हैं जो इस विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. ऐसे में धरोहर प्रकोष्ठ परिसर में संस्कृति के व्यवस्थित संरक्षण में मददगार होगा.” उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही अनौपचारिक समिति का गठन कर चुके हैं, जो धरोहर प्रकोष्ठ का प्रबंधन देखेगी. इसके अतिरिक्त हमें पुस्तकालय के समृद्ध संग्रह के डिजिटलीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार :एनएआइ: की ओर से प्रस्ताव मिला है. इसलिए हम पहले ही कोष के लिए उन्हें लिख चुके हैं. साथ ही बिहार राज्य अभिलेखागार ने भी हमारी पहल को समर्थन दिया है.”