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सेल स्टील है भारत के सबसे लंबे पुल का भरोसा
ढोला-सदीया में 90% सेल स्टील का इस्तेमाल कोलकाता : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल), लोहित नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल ‘ढोला-सदीया’ के निर्माण में इस्तेमाल किये गये स्टील का सबसे बड़ा और प्रमुख आपूर्तिकर्ता है. सेल ने इस पुल के लिए लगभग 90% या लगभग 30,000 टन इस्पात की आपूर्ति की है, […]
ढोला-सदीया में 90% सेल स्टील का इस्तेमाल
कोलकाता : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल), लोहित नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल ‘ढोला-सदीया’ के निर्माण में इस्तेमाल किये गये स्टील का सबसे बड़ा और प्रमुख आपूर्तिकर्ता है.
सेल ने इस पुल के लिए लगभग 90% या लगभग 30,000 टन इस्पात की आपूर्ति की है, जिसमें टीएमटी, स्ट्रक्चरल और प्लेट्स शामिल हैं. यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे दो महत्वपूर्ण राज्यों को जोड़ेगा. इस प्रतिष्ठित परियोजना के लिए कंपनी चयन का एक प्रमुख आधार सेल द्वारा प्रस्तुत किया गया उत्पाद-मिश्र (प्रोडक्ट-मिक्स) था.
इस 9.15 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत 2011 में शुरू किया गया. यह पुल मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक से 3.55 किलोमीटर लंबा है, जिससे अब भारत का सबसे लंबा पुल हो गया है. सेल देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए इस्पात की आपूर्ति कर रहा है. ढोला-सदीया पुल के अलावा, सेल इस्पात का उपयोग बोगिबेल रेल-सह-सड़क पुल, एनटीपीसी की 750 मेगावाट की बिजली परियोजना एवं 600 मेगावाट की कमेंग जलविद्युत परियोजना समेत कई बिजली संयंत्र, ट्रांस अरुणाचल हाइवे इत्यादि में भी किया गया है. ये सभी परियोजनाएं इस क्षेत्र के अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं.
सेल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपना विस्तार करने और बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कुछ विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की है, इसके साथ ही अपने विपणन को बढ़ाने के लिए सुनियोजित रणनीति लागू की है. पूर्वोत्तर के दूरदराज के इलाकों में इस्पात की आपूर्ति करने के लिए, क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों की इस्पात खपत की उच्च क्षमता का उपयोग करने, सरकार का पूर्वोत्तर को देश के साथ जोड़ने की नीति पर ज़ोर की संभावनाएं समेत सभी प्रमुख रूप से कंपनी की प्राथमिकता सूची में हैं. हाल ही में सेल ने इस क्षेत्र में विपणन के लिए एक महाप्रबंधक नियुक्त किया है. राष्ट्रीय महत्व और गुणवत्ता की ऐसे परियोजनाओं का हिस्सा बनना सेल स्टील पर राष्ट्र के विश्वास का प्रमाण है.
जैसा कि सेल अपनी शेष आधुनिकरण परियोजनाओं को लगभग पूरा करने की ओर है, इससे ऐसी परियोजनाओं के लिए और बेहतर और अधिक मूल्य-वर्धित इस्पात पेश करने की स्थिति में है. इस आधुनिकीकरण के पूरा होने के बाद सेल के विक्रेय इस्पात में मूल्य-वर्धित इस्पात उत्पादन का 50 प्रतिशत भाग होगा.
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