इस्लामाबाद : कई टेलीविजन धारावाहिकों में अभिनय कर चुके पाकिस्तानी अभिनेता शाहिद नसीब आजीविका कमाने के लिए घरों में पुताई करने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिन में एक ही बार खाता हूं. मेरा यहां लाहौर में घर नहीं है. इसलिए मैं सड़कों पर सोने को मजबूर हूं, मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि घर किराये पर ले सकूं.” नसीब अभिनय की पेशकश ना मिलने के कारण पेंटर बनने को मजबूर हुए. वह ‘दुलारी’, ‘जब उसे मुझसे मोहब्बत हुई’ और ‘इल्तजा’ जैसे कई धारावाहिकों में काम कर चुके हैं.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, नसीब ने कहा, ‘‘मेरे लिए चीजें अब बहुत मुश्किल हो गयी हैं, लेकिन मुझे पता है कि लॉलीवुड (पाकिस्तानी फिल्म उद्योग) और बॉलीवुड में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्हाेंने बड़ी सफलता हासिल करने से पहले इस तरह की प्रतिकूल स्थिति का सामना किया.” इस समय हर महीने 20,000 रुपये कमा रहे नसीब ने संगीत उद्योग में नये अवसरों की तलाश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुछ पैसे जमा करने की कोशिश कर रहा हूं, ताकि मैं अपना खुद का गाना रिलीज कर सकूं. मैं लाहौर में कुछ संगीतकारों से मिला हूं, जो गाने को संगीतबद्ध करने में मेरी मदद के लिए 1,00,000 रुपये मांग रहे हैं और मेरा लक्ष्य इतने पैसे जमा करना है.” नसीब ने कहा, ‘‘मैं अपने गांव वापस नहीं जा सकता, क्योंकि वहां मेरी नाकामी पर सब हंसेंगे. मेरे साथ काम करनेवाले मजदूर भी ‘शाहिद रंगवाला’ जैसे नाम से बुलाकर मुझ पर व्यंग्य करते हैं, जो मुझे बहुत बुरा लगता है.”