दलहन के इन फसलों की खेती में बेहद कम पानी में उत्पादन होता है. कुलथी जैसे दलहन में तो पानी की जरुरत भी नहीं है. भूमि को बिल्कुल खाली नहीं छोड़ा जाये, इसलिए मवेशी का चारा की भी खेती किसान करेंगे तो उन्हें प्रति हेक्टर 2400 रुपये की दर से प्रोत्साहन राशि मिलेगी. कृषि विभाग ने बंजर व परती भूमि का सर्वे करने का दायित्व कृषक मित्रों को दिया गया है. किसान कृषक मित्रों से संपर्क कर अपनी बंजर व परती भूमि का ब्योरा जमाबंदी नंबर व दाग नंबर मुहैया करा सकते हैं, कृषक मित्रों द्वारा प्रखंड कृषि पदाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी जायेगी. उसके बाद किसानों को योजना का लाभ मिलेगा. राज्य सरकार ने पूरे राज्य में करीब दो लाख हेक्टेयर परती भूमि में मेढ़बंदी कर खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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बंजर भूमि को बनायें खेती योग्य, सरकार देगी खर्च
देवघर: कृषि विभाग जिले में परती व बंजर भूमि को खाली नहीं छोड़ना चाहता है. बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए सरकार किसानों को खर्च देगी. बंजर भूमि में मेढ़बंदी व जुताई के लिए 2400 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को प्रोत्साहन राशि मुहैया करायी जायेगी. किसान बंजर भूमि में अरहर, […]
देवघर: कृषि विभाग जिले में परती व बंजर भूमि को खाली नहीं छोड़ना चाहता है. बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए सरकार किसानों को खर्च देगी. बंजर भूमि में मेढ़बंदी व जुताई के लिए 2400 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को प्रोत्साहन राशि मुहैया करायी जायेगी. किसान बंजर भूमि में अरहर, मूंग, कुलथी, उरद व मकई की खेती कर सकते हैं.
परती व बंजर भूमि पर को खाली नहीं रखना है. इस भूमि पर अरहर, मूंग, कुलथी, उरद व मकई की खेती कर किसान कर सकते हैं. किसान मवेशी का चारा भी बंजर भूमि में लगा सकते हैं. किसानों को इसमें प्रोत्साहन राशि मुहैया करायी जायेगी. तीन दिनों के अंदर कृषक मित्रों द्वारा रिपोर्ट सौंप दिया जायेगा.
– एसएन सरस्वती, जिला कृषि पदाधिकारी, देवघर
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