कोलकाता. इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (आइएमआइ) कोलकाता की ओर से गुरुवार को 5वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन संस्थान परिसर में किया गया. समारोह के दाैरान एआइसीटीइ द्वारा मान्यता प्राप्त फेलोशिप प्रोग्राम इन मैनेजमेंट व मेधावी छात्रों के लिए डॉ आरपी गोयनका स्कॉलरशिप की घोषणा की गयी.
इस माैके पर मुख्य अतिथि के ताैर पर उपस्थित भारत सरकार के विदेश राज्य मंत्री व पत्रकार एमजे अकबर ने कहा कि जनहित में शुरू की गयी योजनाओं व मॉडर्न अर्थव्यवस्था के जरिये अब भारत एक नये रूप में उभर रहा है. भारत एकीकृत और समावेशी आर्थिक दौर में प्रवेश कर चुका है, जिसमें प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का माैका मिलेगा. कोई पीछे नहीं रहेगा. मोदी सरकार की आर्थिक और विदेश नीति संबंधी पहलुओं की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब आर्थिक विकास के नजरिये से देश की तसवीर बदल रही है. गांवों में भी विकास के साथ-साथ तकनीकी क्रांति का युग आ गया है. आज पूरा विश्व भारत की नीतियों का अनुसरण कर रहा है. अभी हम प्रक्रिया के पहले साल में हैं. अगले 10 साल में हमारे देश की आय दोगुनी होने जा रही है.
भारत की विदेश नीति में बदलाव का जिक्र करते हुए श्री अकबर ने कहा कि दुनिया अब भारत को चाहने और समझने लगी है कि यह ऐसा देश है जो 21वीं सदी का नेतृत्व करने में सक्षम है. हाल ही के विकास कार्यों के बाद यह तय हो गया है कि विश्व मंच पर हम आगे रहेंगे. यह किसी सैन्य शक्ति के कारण नहीं बल्कि आर्थिक शक्ति और उसके समावेशीकरण के कारण होगा. आर्थिक नीतियों व महत्वपूर्ण निर्णयों में प्रधानमंत्री महिलाओं के सशक्तीकरण व उनकी भागीदारी पर जोर दे रहे हैं, यह प्रगति की ओर एक बड़ा कदम है. मोदी की मुद्रा योजना को भी सराहा जा रहा है. मुद्रा अपने आप में एक क्रांति है. नयी नीतियों के जरिये नाैकरी के अवसर बढ़ेंगे, जिससे आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ेगी. छात्रों को आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए श्री अकबर ने कहा कि शिक्षा इसलिए है कि सवाल उठाये जा सकें. युवाओं में यह हुनर है कि वे सही वजह के लिए सवाल उठायें. ये युवा प्रतिभाएं ही अच्छे उद्यमी के रूप में देश को आगे ले जायेंगी.
कार्यक्रम में संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चेयरमैन संजीव गोयनका ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रबंधन के छात्रों के लिए आज बहुत खुशी व उपलब्धि का दिन है. ये युवा अच्छे बिजनेसमैन के रूप में देश को आगे ले जायेंगे. इनकी प्रतिभा व प्रबंधन की डिग्री से मार्केट में कई संभावनाएं बढ़ रही हैं. समारोह में आइएमआइ के निदेशक अरिंदम बनिक ने संस्थान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि युवा प्रतिभाओं के लिए 2010 में संस्थान की शुरुआत की गयी. आज पीजीडीएम के बाद यहां पीएचडी प्रोग्राम भी शुरू किया जा रहा है. समारोह में संस्थान से प्रबंधन में स्नातक करनेवाले 78 छात्रों को डिग्री व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया. साथ ही टॉपर छात्रों को भी उनकी उपलब्धि के लिए विशेष रूप से अवॉर्ड प्रदान किया गया. डीन ऑफ एकेडमिक्स डॉ परमिता मुखर्जी सहित संस्थान के कई फैकल्टी सदस्य इस दौरान उपस्थित रहे.