विवाद. मारपीट की घटना में जख्मी की इलाज के दौरान मौत
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शव पहुंचते ही भड़के ग्रामीण
विवाद. मारपीट की घटना में जख्मी की इलाज के दौरान मौत मारपीट में घायल की पटना में इलाज के दौरान मौत हो गयी. मृतक का शव गांव पहुंचते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गये. मामले में आरोपितों को एक कमरे में बंद कर दिया. और मौके पर पहुंची पुलिस से उनकी पिटाई करने की मांग की. […]
मारपीट में घायल की पटना में इलाज के दौरान मौत हो गयी. मृतक का शव गांव पहुंचते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गये. मामले में आरोपितों को एक कमरे में बंद कर दिया. और मौके पर पहुंची पुलिस से उनकी पिटाई करने की मांग की. इसका विरोध करने पर डीएसपी को खदेड़ दिया.
मरौना : थाना क्षेत्र के कुल्हड़िया गांव में जमीन विवाद को लेकर दो सगे भाइयों के बीच हुई मारपीट में घायल एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गयी. मिली जानकारी के अनुसार 09 मई को कुल्हरिया वार्ड नंबर दो में जमीन विवाद को लेकर जय नारायण व गंगाप्रसाद साह के बीच बहस हुई, जो मारपीट में तब्दील हो गयी. इसमें गंगा प्रसाद साह व उनके पुत्र शंकर साह ने अन्य के साथ मिल कर जयनारायण साह की पिटाई कर दी. इसमें वे बुरी तरह से जख्मी हो गये. जख्मी को इलाज के लिए पटना भेजा गया.
जहां इलाज के दौरान सोमवार को उनकी मौत हो गयी. शव के कुल्हरिया गांव पहुंचते ही ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और गंगा प्रसाद साह व उनके पुत्र शंकर साह सहित घर की महिला सदस्य कंचन देवी, पानो देवी व सरस्वती देवी को घर में बंद कर दिया. घटना की सूचना मिलते ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संतोष कुमार, प्रभारी मरौना थानाध्यक्ष युगेश्वर सिंह, निर्मली थानाध्यक्ष सरोज कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशितों को शांत करने का प्रयास करने लगे, लेकिन उग्र हुए ग्रामीणों का कहना था कि घर में बंद सभी लोगों की पुलिस द्वारा जम कर पिटाई की जाय ताकि उन्हें सबक मिल सके. जब तक आरोपी को पुलिस द्वारा पीटा नहीं जाता है तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जायेगा. इस पर डीएसपी व जनप्रतिनिधियों ने उग्र ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया और दोषियों को कानून के तहत सजा दिलाने की बात कही, लेकिन उग्र ग्रामीण आरोपियों की पिटाई कराने पर अड़े रहे. इसी दौरान जब पुलिस बल ने आरोपियों को गिरफ्तार कर ले जाने का प्रयास किया, तो उग्र ग्रामीण भड़क उठे और डीएसपी के विरुद्ध ही आक्रोशित हो गये. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक गिरफ्तार व्यक्तियों की सबके सामने पिटाई नहीं की जाती है तब तक डीएसपी को ही बंधक बनाकर रखा जायेगा. मौके की नजाकत को देखते हुए डीएसपी ने तत्काल वहां से निकलने में ही भलाई समझी, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया, किसी तरह डीएसपी मौके से सुरक्षित निकलने में सफल रहे. हालांकि इस दौरान डीएसपी की गाड़ी को ग्रामीणों ने अपने कब्जे में ले लिया था. बाद में मुखिया अशोक कुमार, सरपंच लक्ष्मी नारायण यादव, हरिवंश यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने आक्रोशितों को समझा-बुझाकर शांत कराया व गाड़ी को छुड़ाया. जयनारायण साह की मौत के बाद परिजनों में शोक व्याप्त हैं.
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