नयी दिल्ली : सरकार ने अपने बयान में कहा है कि दुनिया के कई देशों को प्रभावित करने वाले साइबर हमले ‘रैंसमवेयर’ का भारत पर कोई गंभीर असर नहीं हुआ है. हालांकि केरल व आंध्र प्रदेश में इसके कुछ छिटपुट मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि भविष्य में ऐसे किसी भी खतरे से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) द्वारा चालित सभी प्रणालियां सुरक्षित हैं और सुचारु काम कर रही हैं. इस तरह के किसी भी हमले के लिए एहतियाती उपायों के लिए साइबर समन्वय केंद्र अगले महीने से काम करने लगेगा.
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प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘ भारत पर अन्य देशों जैसा कोई बड़ा असर नहीं हुआ है. हम करीबी निगरानी रखे हुए हैं. अब तक मिली सूचना के अनुसार केरल व आंध्र प्रदेश के कुछ सीमित इलाकों में छिटपुट मामले सामने आए हैं. ‘ मंत्री ने कहा कि मार्च से ही भारत ने ‘पैचेज’ इंस्टाल कनने शुरू कर दिए थे और सभी भागीदारों को नियमित रुप से परामर्श जारी किए जा रहे थे। पैच वह साफ्टेवयर होता है किा कि किसी भी कार्यक्रम में कमियों को दूर करने में काम आता है.
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भारत इस बारे में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क में हैं, मालवेयर को साफ किया जा रहा है तथा संभावित साइबर हमलों से बचने के लिए नियमित रुप से साइबर जांच पडताल की जा रही है. रैंसमवेयर ‘वानाक्राई’ के संभावित साइबर हमले के मद्देनजर भारत काफी सतर्क है और बैंकिंग, दूरसंचार, बिजली व विमानन सहित सभी प्रमुख नेटवर्क पर निगरानी रखी जा रही है.