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नगरपालिका चुनाव : तीन निकायों के चुनाव रद्द करने की मांग

रायगंज, डोमकल और पुजाली में तृणमूल पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप रायगंज, डोमकल और पुजाली निकाय चुनाव के तहत हुए मतदान को रद्द किये जाने की मांग माकपा, भाजपा और कांग्रेस की ओर से की गयी है. तीनों निकायों में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगा है. बम, पिस्तौल व बाहरी […]

रायगंज, डोमकल और पुजाली में तृणमूल पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप
रायगंज, डोमकल और पुजाली निकाय चुनाव के तहत हुए मतदान को रद्द किये जाने की मांग माकपा, भाजपा और कांग्रेस की ओर से की गयी है. तीनों निकायों में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगा है. बम, पिस्तौल व बाहरी असामाजिक तत्वों के जरिये ऐसा किया गया.
कोलकाता : माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने आरोप लगाया है कि निकाय चुनाव के पहले ही तीनों निकायों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में हिंसा का वातावरण बन गया था. इस बारे में राज्य चुनाव आयोग को कई दफा बताया गया लेकिन स्थिति सुधार को लेकर शायद ही कोई ठोस कदम उठाया गया हो. मतदान के दौरान तीन वामपंथी कार्यकर्ताओं पर गोली चलायी गयी है.
एक कार्यकर्ता का हाथ-पैर तोड़ दिया गया. कथित तौर पर तीनों निकायों में हुए मतदान के दौरान हिंसा का वातावरण व्याप्त था. केवल माकपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ता, पोलिंग एजेंट हिंसा के शिकार हुए हैं. पुलिस और संवाददाताओं पर हमला किये जाने की घटना भी प्रकाश में आयी है. यह काफी शर्मनाक है. मिश्रा ने आरोप लगाया कि चुनाव निष्पक्ष व शांतिपूर्ण करा पाने में राज्य चुनाव आयोग असफल रहा है.
तीनों निकायों में पुनर्मतदान कराये जाने के संभावित मांग को लेकर पूछे जाने पर मिश्रा ने आरोप लगाया है कि राज्य में जब तक तृणमूल कांग्रेस की सरकार है निष्पक्ष रूप से चुनाव हो, उन्हें नहीं लगता है. यानी रायगंज, डोमकल और पुजाली के चुनाव रद्द कराने की मांग माकपा तो कर रही है लेकिन पुनर्मतदान निष्पक्ष तरीके से होगा, इस बारे में राज्य चुनाव आयोग व प्रशासन पर यकीन नहीं है.
मिश्रा ने कहा कि चुनाव के दौरान कथित गड़बड़ी को लेकर वाममोरचा का एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन उनकी ओर से कहा गया कि चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण वे किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि से नहीं मिल सकते. उन्होंने प्रश्न उठाया कि राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी किस कार्य में व्यस्त थे? जबकि रायगंज, डोमकल व पुजाली के कई इलाकों में गड़बड़ी की घटनाएं सामने आ रही थीं. दार्जिलिंग, कर्सियांग, कलिंपोंग और मिरिक में होने वाले मतदान को लेकर पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में सत्तारूढ़ दल का प्रभाव कम है और यही वजह है कि वहां किसी अप्रिय घटना की सूचना उन्हेें नहीं मिली.
मिश्रा ने कहा है कि राज्य के लोकतंत्र की रक्षा के लिए अब व्यापक आंदोलन की जरूरत है. चुनाव आयोग, प्रशासन के जरिये अब मौजूदा विषम परिस्थिति सुधार की आशा नहीं की जा सकती है. तमाम लोगों के एकजुट होकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ाई करनी होगी.
आगामी 22 मई के प्रस्तावित नवान्न अभियान में निकाय चुनाव के दौरान होने वाली कथित गड़बड़ी, बूथ कैप्चर व हिंसा की घटनाओं का भी विरोध किया जायेगा. उन्होंने नवान्न अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया है. इधर माकपा के आरोपों को तृणमूल कांग्रेस ने बेबुनियाद करार दिया है.
कोलकाता : रायगंज, पुजाली और डोमकल निकाय चुनाव के तहत हुए मतदान में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर बूथ कैप्चर, गड़बड़ी और हिंसा का आरोप लगाते हुए माकपा, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय के समक्ष किया गया. सूत्रों के अनुसार इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. माकपा व विधानसभा मेें वाम परिषदीय दल के नेता डॉ सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि निष्पक्ष निकाय चुनाव करा पाने में राज्य चुनाव आयोग विफल रहा है. आरोप के अनुसार सत्तारूढ़ दल द्वारा बूथ कैप्चर किये गये.
वामपंथी कार्यकर्ताओं समेत अन्य विपक्षी दलों पर हमले किये गये. इसके बावजूद ठोस कदम नहीं उठाये गये. सात नगरपालिका में तीन निकायों पर हुए मतदान के दौरान जो घटनाएं घटीं उससे मतदान रद्द करने की मांग के सिवाय और दूसरी बात नहीं हो सकती है. ध्यान रहे कि तीन निकायों में होने वाली गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए वाममोरचा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचा था. वामपंथी नेताओ‍ं ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनसे मुलाकात नहीं की.
माकपा सांसद ने तृणमूल कांग्रेस पर लगाया बूथ कैप्चर व हिंसा का आरोप
कोलकाता : रायगंज में हुए मतदान के दौरान सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस द्वारा हिंसा व गड़बड़ी किये जाने का आरोप माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने लगाया है. उन्होंने कहा कि मतदान के नाम पर बूथ कैप्चर, हिंसा व गड़बड़ी पूरे रायगंज में हुई है. आरोप के अनुसार रविवार की सुबह से ही रायगंज के ज्यादातर बूथों के निकट बाहरी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा देखा गया. वामपंथी समेत विपक्षी दलों के पोलिंग एजेंटों पर हमले किये गये.
मतदाताओं को भयभीत किये जाने का आरोप भी माकपा सांसद ने लगाया है. हिंसा की शिकार महिलाएं भी हुई हैं. आरोप के अनुसार पुलिस केवल मूक-दर्शक की भूमिका का पालन कर रही थी. इधर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि माकपा व अन्य विपक्षी दलों द्वारा लगाये आरोप बेबुनियाद है. असल में विपक्षी दलों के नेताओं को पहले से ही पता है कि वे निकाय चुनाव मेें जीत हासिल नहीं कर पायेंगे इसलिए सत्तारूढ़ दल पर गलत आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम लोग तृणमूल कांग्रेस के साथ ही हैं.
राज्य का इलेक्शन कमीशन बना ममता कमीशन : दिलीप
कोलकाता. कांग्रेस और वाममोरचा के साथ-साथ भाजपा ने भी रायगंज, डोमकल और पुजाली में रविवार को हुए चुनाव को खारिज करने की मांग की है. भाजपा ने इस संबंध में राज्य चुनाव आयुक्त एके सिंह को पत्र भी लिखा है. अपने पत्र में प्रदेश भाजपा की ओर से कहा गया है कि सात नगरपालिकाओं के चुनाव के लिए मतदान की सुबह से ही पश्चिम बंगाल के साथ-साथ समूचे देश ने देखा कि रायगंज, डोमकल और पुजाली में मतदान के नाम पर खिलवाड़ हो रहा था. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस द्वारा एक के बाद एक बूथ, वार्ड को लूटा .
भाजपा कंट्रोल रूम को जिला कार्यालयों से इतनी शिकायतें मिली हैं कि उन सभी को लिखने पर एक किताब का बन जायेगी. मीडिया ने यह स्पष्ट दिखाया है कि कैसे अपराधी बेझिझक पैदल या बाइक पर आग्नेयास्त्र या बम आदि लेकर घूम रहे हैं. समूचे मामले में पुलिस केवल दर्शक बनकर रही. इधर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि राज्य का इलेक्शन कमीशन ममता कमीशन बन गया है. सत्ताधारी दल के इशारे पर ही पुलिस काम कर रही है.
कांग्रेस ने की पुनर्मतदान की मांग
कोलकाता. प्रदेश कांग्रेस की ओर से डोमकल, रायगंज और पुजाली में नगरपालिका चुनाव के लिए हुए मतदान को अवैध और असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गयी है. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष देवव्रत बसु ने राज्य चुनाव आयोग को एक इस संबंध में एक पत्र लिखा है. इसमें श्री बसु ने लिखा है कि मतदान के दौरान हुई घटनाएं से स्पष्ट है कि चुनाव आयोग चुनाव की स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह असफल रहा है और तीन नगर निकायों में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने में सफल नहीं हो सका. चुनाव आयोग ने पहाड़ के चार नगर निकायों के चुनाव में तो केंद्रीय बल की तैनाती की लेकिन डोमकल, पुजाली और रायगंज जैसे संवेदनशील इलाकों में उसने ऐसा नहीं किया. लिहाजा उक्त तीन नगरपालिका इलाकों में मतदाताओं का लोकतांत्रिक अधिकार बाधित हुआ. लोकतांत्रिक प्रक्रिया बुरी तरह बाधित हुई. कांग्रेस की ओर से वह मांग करते हैं कि इन तीन नगरपालिका चुनावों को अवैध और असंवैधानिक घोषित की जाये. यहां फिर से मतदान कराये जायें.
राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त के खिलाफ शिकायत
कोलकाता : प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की ओर से राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त के खिलाफ शेक्सपीयर सरणी थाना में पत्र के माध्यम से शिकायत करने की बात प्रकाश में आयी है. रायगंज, डोमकल और पुजाली निकायों के चुनाव के तहत हुए मतदान के दौरान कथित हिंसा व गड़बड़ी को लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचा था.
उपरोक्त विषय को लेकर उनकी ओर से राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त को ज्ञापन सौंपने की बात थी. प्रदेश कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त ने उनसे मुलाकात नहीं की. प्रदेश कांग्रेस की ओर से इस विषय को लेकर जांच की मांग की गयी है. पुलिस की ओर से इस विषय में कुछ नहीं कहा गया है.
नतीजा घोषित करने के पहले ही हार गये विरोधी : तृणमूल
कोलकाता. नगरपालिका चुनाव में हिंसा आदि के आरोपों को तृणमूल कांग्रेस ने खारिज किया है. रारज्य के शिक्षा मंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि उन्हें लोगों के ऊपर विश्वास है.
ममता बनर्जी मां, माटी मानुष में विश्वास रखती हैं. लोगों की राय वह सिर झुका कर स्वीकार करेंगे. लेकिन विरोधियों का विश्वास लोगों पर नहीं है. इसलिए वह चुनाव आयोग के पास जा रहे हैं. नतीजा घोषित होने के पहले ही उन्होंने हार को स्वीकार कर लिया है. इसलिए हिंसा की कहानी वह सुना रहे हैं.

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