सेना के ऑफिसर उमर फैयाज एवं कई कश्मीरी पुलिसवालों की हत्या कश्मीर को पुनः 1980-90 के दशक की कश्मीर बना रही है, लेकिन अब समय काफी बदल चुका है. अब इसलामिक स्टेट के नाम पर आतंकवादी और अलगाववादी एकजुट एवं ताकतवर हो रहे हैं.
इंटरनेट एवं सोशल मीडिया के द्वारा इसलामिक स्टेट नवजवानों को दिग्भ्रमित कर आतंक की राह पर धकेल रही है. अगर इसी तरह की स्थिति कश्मीर में बनी रहे, तो क्षेत्रवाद एवं धार्मिक कट्टरता का अनैतिक गठजोड़ उसे विनाश की राह पर ले जायेगा. अभी भी समय है कि कश्मीरी नेता टकराव एवं कट्टरता की राह को त्याग कर लोकतंत्र एवं सहिष्णुता का मार्ग अपनाएं, कश्मीर को इसको सीरिया बनने से कोई नहीं रोक सकता.
कुंदन कुमार, इमेल से