कोलकाता. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एक साथ लाने के लिए प्रयास को ‘अस्तित्व बचाने की लड़ाई’ करार दिया. भाजपा नेता ने दावा किया कि कई विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नेतृत्ववाले राजग के उम्मीदवार का समर्थन करेंगी. श्री विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस, माकपा और अन्य राजनीतिक दल विभिन्न चुनावों में लगातार हार का सामना करने के बाद भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गुट बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वे दावं पर लगे अपने अस्तित्व को बचाने के लिए एक साथ आये हैं.
श्री विजयवर्गीय ने कहा : अब वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक साथ आ रहे हैं. मैं आपको बताना चाहता हूं, इस बार भी उनकी हार होगी. विपक्षी खेमे से कई दल राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के नेतृत्ववाले राजग का समर्थन करेंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष के राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने की पहल के बाद उन्होंने यह बयान दिया है. सोनिया ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी और इस सिलसिले में वह तृणमूल सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकत करेंगी. श्री विजयवर्गीय ने कहा : विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहता है. यह सही है, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि उनकी रणनीति नरेंद्र मोदी के सामने असफल हो जायेगी. हम ‘सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास करते हैं और वे तुष्टीकरण की राजनीति में विश्वास करते हैं. श्री विजयवर्गीय ने हालांकि इस बात पर टिप्पणी करने से मना कर दिया कि भाजपा और राजग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम पर मोहर लगा दी है या नहीं.
कहा कि इस पर राजग की बैठक में अंतिम फैसला लिया जायेगा. उन्होंने कहा : हमारे पार्टी अध्यक्ष राजग सहयोगियों से बात करेंगे और फिर निर्णय लेंगे. मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. विपक्ष द्वारा भाजपा को ‘सांप्रदायिक’ करार देने पर विजयवर्गीय ने कहा कि वे क्या कर रहे हैं, जब हमारे सैनिकों की सीमा पर हत्या की जा रही है. हमने कोई प्रदर्शन या कैंडल मार्च नहीं देखा, कोई भी पुरस्कार नहीं वापस कर रहा.
कश्मीर में जारी हिंसा पर उन्होंने कहा कि भाजपा देश की क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगी. श्री विजयवर्गीय ने यहां तृणमूल कांग्रेस के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने भाजपा पर बंगाल में तृणमूल को दरकिनार करने के लिए सीबीआइ के दुरुपयोग का आरोप लगाया था.