गड़बड़झाला. पैक्स के ऑडिट में करोड़ों रुपये का उजागर हुआ था गबन
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पैक्स में घोटाला, फाइलों में कार्रवाई
गड़बड़झाला. पैक्स के ऑडिट में करोड़ों रुपये का उजागर हुआ था गबन किसानों को समृद्ध बनाने में पैक्स की भूमिका महत्वपूर्ण है. गोपालगंज में पैक्स में करोड़ों का घोटाला उजागर होने के बाद फाइल को विभाग ने कैद कर दिया है. इससे इन पैक्स पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. गोपालगंज : करप्शन में […]
किसानों को समृद्ध बनाने में पैक्स की भूमिका महत्वपूर्ण है. गोपालगंज में पैक्स में करोड़ों का घोटाला उजागर होने के बाद फाइल को विभाग ने कैद कर दिया है. इससे इन पैक्स पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है.
गोपालगंज : करप्शन में लिप्त पैक्स में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ. यह घोटाला ऑडिट रिपोर्ट के जरिये उजागर हुआ. जिले के 23 पैक्सों में एक करोड़ से अधिक का गबन पाया गया. ऑडिट में सामने आये घोटाले पर कार्रवाई करने की जगह विभाग ने परदा डाल दिया. जिन पैक्स में घोटाला हुआ उन पर कार्रवाई नहीं होने से पैक्स का काम ठप पड़ गया है. जिन पैक्स में घोटाला हुआ उन पैक्स में न तो धान की खरीदारी हुई, न ही किसानों को खाद और बीज उपलब्ध हो रहा.
पैक्स के लाभ से किसान वंचित हो गये हैं. साथ ही विभाग पर भी सवालों के घेरे में है. जिस अधिकारी को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए उनके द्वारा मामले को आखिर किस मजबूरी में दबाया गया है, जबकि दो दर्जन से अधिक पैक्स में गड़बड़ी और घोटाले के कारण आज तक ऑडिट नहीं कराया गया. ऑडिट नहीं करानेवाली पैक्स पर भी कार्रवाई फाइलों में ही दफन है.
घोटाले के कारण किसानों को पैक्स का नहीं मिल रहा लाभ
प्रभार नहीं सौंपने वाली पैक्स पर कागजों में उलझी है कार्रवाई
वर्ष 2014 में पैक्स का चुनाव हुआ था. इसमें एक दर्जन से अधिक पैक्स में धांधली होने के कारण आज तक नये पैक्स अध्यक्षों को प्रभार नहीं सौंपा गया. हद तो यह है कि वर्ष 2015 से डीसीओ ऑफिस की फाइलों में कार्रवाई उलझ कर रह गयी है. बता दें कि कुचायकोट प्रखंड की सेमरा पैक्स, सिरिसिया, मटिहनिया तिवारी, सासामुसा, उचकागांव प्रखंड केलाइन बाजार, सदर प्रखंड की जादोपुर दुखहरण, भोरे की डोमनपुर, बैकुंठपुर की बांस घाट मंसुरिया, विजयीपुर की मुसेहरी पैक्स में 17 दिसंबर, 2015 से आठ फरवरी, 2017 के बीच सिर्फ चार्ज देने एवं पैक्स का ऑडिट नहीं कराने पर प्रपत्र ख के तहत विभाग ने नोटिस जारी किया. इन पैक्स को विभाग के नोटिस की कोई परवाह नहीं है.
अंकेक्षण पदाधिकारी को करनी थी कार्रवाई
ऑडिट में जिन 23 पैक्स में घोटाला सामने आया, नियमानुसार उन पर सहकारिता अधिनियम की धारा 40 के तहत जिला अंकेक्षण पदाधिकारी को गबन की राशि पर अधिभार प्रस्ताव ज्वाइंट रजिस्ट्रार सारण के यहां दाखिल करें. अंकेक्षण पदाधिकारी के अधिभार प्रस्ताव पर सुनवाई कर जेआर के द्वारा डीसीओ को कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है. डीसीओ के द्वारा लोक मांग अधिनियम के तहत पैक्स पर कार्रवाई की जाती है. यहां दिसंबर, 2016 में ही ऑडिट समाप्त हो गया. ऑडिट में जो अंतर सामने आया उस पर जिला अंकेक्षण पदाधिकारी के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
इन पैक्स पर दर्ज हुई प्राथमिकी
प्रभार नहीं देने और वित्तीय अनियमितता करने के मामले में बरौली प्रखंड की कल्याणपुर, विजयीपुर की भरपुरवा, कुचायकोट की संगवाडीह पैक्स में तत्कालीन प्रबंधक और अध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, जबकि भरपुरवा के पैक्स अध्यक्ष हाइकोर्ट से जमानत लेकर अब पैक्स का चार्ज देने की तैयारी में हैं. पैक्स में प्राइवेट ऑडिटर से ऑडिट भी कराया गया है, जिसमें पैक्स पर 10 लाख की देनदारी बतायी गयी है. इसको लेकर विभाग उलझा हुआ है.
इन पैक्स पर दर्ज हुई प्राथमिकी
प्रभार नहीं देने और वित्तीय अनियमितता करने के मामले में बरौली प्रखंड की कल्याणपुर, विजयीपुर की भरपुरवा, कुचायकोट की संगवाडीह पैक्स में तत्कालीन प्रबंधक और अध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, जबकि भरपुरवा के पैक्स अध्यक्ष हाइकोर्ट से जमानत लेकर अब पैक्स का चार्ज देने की तैयारी में हैं. पैक्स में प्राइवेट ऑडिटर से ऑडिट भी कराया गया है, जिसमें पैक्स पर 10 लाख की देनदारी बतायी गयी है. इसको लेकर विभाग उलझा हुआ है.
क्या कहते हैं अंकेक्षण पदाधिकारी
जिला अंकेक्षण पदाधिकारी धनंजय कुमार बताते हैं कि ऑडिट में जो भी अंतर या गड़बड़ी पायी गयी है, इसकी ऑडिट रिपोर्ट की प्रति बैंक और एआर ऑफिस को भेजी जाती है. कार्रवाई करना उन्हीं दो अधिकारियों का काम है. इसमें अंकेक्षण पदाधिकारी के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होनी है. अगर कार्रवाई नहीं हो रही है, तो इसके लिए एआर और बैंक जिम्मेवार है.
क्या कहते हैं जेआर
पैक्स में गड़बड़ी के मामले में ज्वाइंट रजिस्ट्रार चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि ऑडिट में बातें सामने आने के बाद डीसीओ को कार्रवाई करनी है. अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई इस मामले में डीसीओ से मैं तुरंत बात करूंगा. अगर घोटाला है, तो घोटालेबाजों पर तत्काल नियमानुकूल कार्रवाई की जायेगी.
15 से 25 मई के बीच कराना है ऑडिट
पैक्स को वर्ष 2015-16 वित्तीय वर्ष का ऑडिट कराने के लिए विभाग के स्तर पर 15 से 25 मई के बीच की तिथि निर्धारित की गयी है. जिला अंकेक्षण पदाधिकारी धनंजय कुमार ने बताया कि जिले में चार अध्यक्ष अंकेक्षण पदाधिकारी हैं. इसके अलावा किसी भी चार्टर एकाउंटेंट से ऑडिट पैक्स करा सकती है. ऑडिट कराना आवश्यक है.
ऑडिट नहीं करानेवाली पैक्स पर सहकारिता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी.
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