जबकि उनकी बहू तीन महीने की गर्भवती थी. बेटा हलवाई का काम करता है वो एक माह से धनबाद गया हुआ है. मंगलवार की सुबह किसी बात पर नाराज होने के कारण आशा अपनी पुत्री की पिटाई कर रही थी. मना करने पर वो नाराज होकर कहने लगी कि मैं अपने बच्ची को कुछ भी करूं उसमें दखलअंदाजी न करें. कुछ देर बाद उसने पिता से फोन पर बात करने की बात कही. मगर बात न हो सकी. हालांकि वो काफी गुस्से में नजर आ रही थी. बुधवार की सुबह बगल के घर से केरोसिन लाकर अपने शरीर में उड़ेल ली अौर दरवाजा बंद कर आग लगा लिया. पहले तो कुछ समझ नहीं आया. उसके बाद आसापास के लोगों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा गया.
तब तक वह बुरी तरह से झुलस चुकी थी. ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया. थोड़ी देर में एएसआई उपेंद्र सिंह सदल-बल गांव पहुंच कर आशा को उठाकर इलाज के लिए देवघर अस्पताल पहुंचे उस दौरान मैं भी साथ थी. सारवां तक उसकी स्थिति ठीक थी. मगर देवघर पहुंचने से पहले उसकी स्थिति बिगड़ने लगी. यहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस संबंध में एएसआई श्री सिंहने बताया कि मुझे घटना की सूचना मिली. आनन-फानन में ताराडंगाल पहुंचा व जहां आग से झुलसी महिला को लेकर देवघर अस्पताल पहुंचे यहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया. कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है. समाचार लिखे जाने तक पुलिस की देखरेख में पोस्टमार्टम किये जाने की तैयारी चल रही थी.