22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कट्टरपंथ की हार जरूरी थी

अच्छा हुआ यूरोप में ब्रेक्सिट के बाद ‘फ्रेक्सिट’ से बच गया. अगर फ्रांस का राष्ट्रपति पद मरी ली पेन जीत जातीं, तो यूरोपियन यूनियन से फ्रांस का बाहर जाना तय था. शुक्र है धूर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी सोच से पहले हॉलैंड बचा और अब फ्रांस. उम्मीद है कि आगामी सितंबर में जर्मनी के चुनाव में भी […]

अच्छा हुआ यूरोप में ब्रेक्सिट के बाद ‘फ्रेक्सिट’ से बच गया. अगर फ्रांस का राष्ट्रपति पद मरी ली पेन जीत जातीं, तो यूरोपियन यूनियन से फ्रांस का बाहर जाना तय था. शुक्र है धूर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी सोच से पहले हॉलैंड बचा और अब फ्रांस. उम्मीद है कि आगामी सितंबर में जर्मनी के चुनाव में भी विभाजनकारी सोच को नकार दिया जायेगा.
भारत एवं अमेरिका जैसे दो शक्तिशाली एवं विशालकाय लोकतंत्रों को राष्ट्रवादियों के हाथों में जाने के बाद, थोड़ा डर सा लगने लगा था. मगर हॉलैंड एवं फ्रांस में मध्यमार्गियों एवं सुधारवादियों की जीत से लग रहा है कि अभी विश्व के लोगों ने राष्ट्रवाद को अंगीकार करने से मना कर दिया है. समय रहते इन सब मुद्दों पर खुलकर लोगों से बात करने की आवश्यकता है.
जंग बहादुर सिंह, इमेल से

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें