नयी दिल्ली : रविवार को हुए राष्ट्रपति पद के लिए अंतिम चरण के मतदान के बाद इमानुएल मैक्रॉन यूरोपीय संघ में किसी देश के सबसे युवा राष्ट्रपति बनने पर न केवल फ्रांस में जश्न मनाया जा रहा था, बल्कि भारत के पुडुचेरी में भी उनके स्वागत में खुशियां मनायी जा रही थीं. इसका कारण यह है कि उन्हें इस पद पर पहुंचाने में भारत के पुडुचेरी में निवास कर रहे फ्रेंस नागरिकों का भी बहुत बड़ा योगदान है. यहां रह रहे करीब 4600 फ्रेंच नागरिकों ने फ्रांस में हुए दो चरणों के चुनाव में मतदान किया है. पुडुचेरी और आसपास के क्षेत्रों में करीब 4600 फ्रेंच मतदाता निवास करते हैं. राष्ट्रपति चुनावों के लिए पहले चरण का मतदान 23 अप्रैल को हुआ था. सुबह से ही मतदाता यहां फ्रांसीसी वाणिज्य दूतावास के परिसर और फ्रेंच सरकार द्वारा संचालित एक विद्यालय में जुटने लगे थे.
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बता दें कि फ्रांस के राजनीतिक परिदृश्य को पलटते हुए फ्रांसीसी मतदाताओं ने मध्यमार्गी इमानुएल मैक्रॉन को देश के सबसे युवा राष्ट्रपति के तौर पर चुना है. यूरोप समर्थक पूर्व निवेश बैंकर एवं यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रमुख स्तंभ के तौर पर फ्रांस को पेश करने वाले मैक्रॉन ने चुनाव में निर्विवाद रूप से अभूतपूर्व जीत हासिल की.
रविवार को पेरिस के लूव्र संग्रहालय के बाहर जीत के जश्न की तैयारी में मौजूद मैक्रॉन समर्थकों में जीत का समाचार मिलते ही खुशी की लहर दौड़ गयी. मैक्रॉन समर्थक लाल, सफेद और नीले रंग के तिरंगे झंडे लहराने लगे. रात होते-होते उत्साही भीड़ की तादाद हजारों में पहुंच गयी.
फ्रांस में युवा नेता इमानुएल मैक्रॉन के राष्ट्रपति के तौर पर जीत हासिल करने के बाद समर्थकों के जश्न के बाद भारत के पुडुचेरी में भी फ्रेंच नागरिकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गयी. यहां पर भी लोगों ने उनकी जीत पर जश्न मनाया और मैक्रॉन का फ्रांस के नये राष्ट्रपति के तौर पर स्वागत किया.