वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर संसद में करारी शिकस्त मिली है. ओबामाकेयर की जगह नया हेल्थकेयर बिल पास कराने में कामयाब रहे ट्रंप अपनी पसंद का सेना का सचिव नियुक्त करने में नाकाम रहे.
ट्रंप के सलाहकार को छोडना पड़ेगा व्हाइट हाउस
अमेरिकीसेना में सचिव पद के लिए अमेरिकाके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रस्तावित अन्य नाम पर भी उन्हें अमेरिकी सांसदों का विरोध झेलना पड़ा है. अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि राष्ट्रपति की ओर से चयनित उम्मीदवार ट्रांससेक्सुअल, मुसलमानों एवं लातीनी लोगों के खिलाफ अपने पूर्ववर्ती रुख के चलते इस पद के योग्य नहीं है.
शपथ ग्रहण के दिन भी हुआ डोनाल्ड ट्रंप का विरोध, कैसे सुधरेगी स्थिति?
टेनेसी के लिए रिपब्लिकन सीनेटर मार्क ग्रीन ने कल ‘एनबीसी न्यूज’ को दिये एक बयान में कहा था कि अपने खिलाफ ‘गलत और भ्रामक हमलों’ के कारण वह इस पद के लिए अपना नाम वापस ले रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के एक बड़े ऑफर को इस पूर्व सैन्य अधिकारी ने ठुकराया
उन्होंने आरोप लगाया, ‘कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सार्वजनिक सेवा के मेरे जीवन और ईसाई मान्यताओं में मेरी आस्था को गलत रूप में चित्रित किया और मुझे निशाना बनाया.’
राष्ट्रपति बनने से पहले मुझे नहीं पता था मुश्किल है पद : ट्रंप
सेना सचिव पद के लिए ग्रीन ट्रंप की दूसरी पसंद थे. इससे पहले ट्रंप की पहली पसंद रहे अरबपति विंसेंट विओला ने भी फरवरी में अपना नाम वापस ले लिया था. विओला ने कहा था कि कुछ निश्चित वित्तीय हितों के चलते हितों के टकराव के कारण वह इस पर विजय नहीं पा सकते.
अमेरिकी सीनेट में डेमोक्रेट्स के प्रमुख चक शुमर ने कहा था कि ग्रीन को ‘पहले स्थान में बतौर उम्मीदवार’ नहीं लिया जाना चाहिए. शुमर ने एलजीबीटीक्यू समुदाय के खिलाफ भेदभाव को बढ़ावा देनेवाले कारोबारों को और आसान बनाने के लिए बने कानून का समर्थन करने और समलैंगिक विवाहों के विरोध तथा समलैंगिकता को ‘बीमारी’ मानने की ग्रीन की मान्यता का हवाला दिया था.