पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद जब्त हुए अवैध शराब को चूहों द्वारा पी जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. पुलिस मुख्यालय इस खबर के बाद पूरी तरह चौकस हो गया है. एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि किसी भी पुलिस थाने के मालखाने में रखी गयी शराब को चूहों ने नहीं पिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की सूचना किसी भी थाने से नहीं आई है कि शराबबंदी के बाद जब्त शराब को चूहों ने गटक लिया है. एडीजी एसके सिंघल ने संवाददाता सम्मेलन कर इस बात की जानकारी दी और कहा कि बिहार में उत्पाद अधिनियम को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी जा रही है. इस मामले में किसी तरह की लापरवाही या कोताही को बरदाश्त नहीं किया जा रहा है.
चूहों के शराब पीने की बात सही नहीं-एडीजी
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बिहार के सभी जिलों के जिलाधिकारी को यह सख्त निर्देश है कि बरामद शराब को पूरी तरह नष्ट कर दिया जाये. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में आठ लाख लीटर से ज्यादा शराब जब्त की गयी है. इतना ही नहीं, कोई भी पुलिसकर्मी या पदाधिकारी शराब पीते हुए पकड़े जाते हैं या उनके शराब सेवन करने के बारे में पता चलता है तो उन पर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है. इस दौरान मुजफ्फरपुर के थाना प्रभारी रामेश्वर सिंह के शराब सेवन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पुलिस को पता चला था कि उन्होंने शराब का सेवन किया है. उन्हें तत्काल निलंबित कर जेल भेज दिया गया है.
उत्पाद अधिनियम के तहत कार्रवाई
गौरतलब हो कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. हालांकि, शराबबंदी के बाद से ही अवैध शराब तस्कर भी काफी सक्रिय हैं और बिहार में भारी मात्रा में अन्य प्रदेशों से शराब का आना जारी है. एडीजी को जब संवाददाताओं ने यह पूछा कि आखिर थाना प्रभारी के पास शराब कहां से आयी, तो उन्होंने यह कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है. साथ ही, एहतियात के तौर पर सभी थानों में ब्लीचिंग पाउडर और कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है.
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