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गरीबी से तंग दंपती चार माह के बच्चे को बेचने पर हुए मजबूर

कटिहार : चार बच्चों का भरण-पोषण हो रहा था मुश्किल डंडखोरा से आये थे कटिहार चार माह के बच्चे को बेचने, पुलिस ने दिया दखल बच्चे को पोषण पुनर्वास में कराया गया भरती कटिहार : आर्थिक तंगी व पेट की आग के आगे इनसान कुछ भी करने को तैयार हो जाता है. एक ऐसा ही […]

कटिहार : चार बच्चों का भरण-पोषण हो रहा था मुश्किल

डंडखोरा से आये थे कटिहार चार माह के बच्चे को बेचने, पुलिस ने दिया दखल
बच्चे को पोषण पुनर्वास में कराया गया भरती
कटिहार : आर्थिक तंगी व पेट की आग के आगे इनसान कुछ भी करने को तैयार हो जाता है. एक ऐसा ही वाकया जिले में शुक्रवार को शहर के संग्राम चौक पर देखने को मिला, जब एक दंपती डंडखोरा से अपने चार माह के बेटे को बेचने आये थे. दंपती ने लोगों से कहा कि हमारे हालात सही नहीं है. हम अपने बच्चे का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं. इसलिए चार माह के एक बच्चे को बेचने की मंशा को लेकर डंडखोरा से कटिहार पहुंचे हैं.
प्रभात खबर के पहल पर पहुंची पुलिस : कटिहार के डंडखोरा प्रखंड के भट्टा बाड़ी
भूख के कारण…
इलाके के रहनेवाले सुरेश मलिक (40) अपनी पत्नी गुंजा देवी व अपने चार बच्चों के साथ कटिहार नगर थाना क्षेत्र के संग्राम चौक पर पहुंचा और अपने चार माह के बच्चे को बेचने के प्रयास में जुट गया. इधर प्रभात खबर की पहल पर पुलिस मौके पर पहुंची और मासूम को बिकने से बचा लिया. नगर थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेंदू आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस दंपती को अपने साथ नगर थाना लेकर आये.
एक बच्चा दिख रहा कुपोषित, तीन की हालत भी सही नहीं
लोगों की मानें, तो सुरेश मलिक सूप बना कर अपना जीवन यापन करता है, लेकिन इस काम से उसको उतना पैसा नहीं मिलता था, जिससे वह अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण कर सके. आर्थिक तंगी के कारण उसके दो जुड़वां बच्चों में से एक कुपोषित दिख रहा था. अन्य तीनों बच्चों की भी स्थिति कुछ ठीक नहीं थी.
इससे परेशान होकर दंपती अपने एक बच्चे को बेचने के लिए निकल पड़ा. जहां पर दंपती बच्चे को बेचने की बात कर रहे थे, वहीं के लोगों ने इसकी सूचना प्रभात खबर को दी. प्रभात खबर की पहल पर बच्चे को बेचने से बचाया गया तथा प्रशासन के हवाले किया गया. बेटा संतोष कुमार(4), बेटी आरती कुमारी(3), दो जुड़वां बच्चे राम और लक्ष्मण चार महीने के हैं.
पिता सुरेश मलिक से जब इस बारे में बात की गयी, तो उसने बताया कि हम लोग डंडखोरा के रहनेवाले हैं और हमारा काम सूप बनाकर बेचना है. अभी इस काम से इतने पैसे नहीं होते थे कि जिससे हम अपने बच्चे का सही ढंग से भरण पोषण कर सकें. यहां तक कि मेरे चारों बच्चे काफी बीमार हैं. मेरी बेटी आरती कुमारी का हाथ पूरी तरह जल चुका है. पैसे नहीं होने के हालात में हम अपनी बेटी का इलाज भी नहीं करवा सकते हैं. इसलिए आज अपने दिल पर पत्थर रखकर अपने बेटे को बेचना चाह रहे थे. बेचने के बाद जो भी पैसे आते. उनसे अपने तीनों बच्चे का देखभाल करते.
बाल कल्याण समिति को थाना ने दी सूचना
नगर थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेंदू ने बताया कि दंपती से पूछने पर बताया कि उसका बच्चा बीमार था, इसलिए वह बच्चे को रख कर भीख मांग रहा था. फिलहाल इस संदर्भ में बाल कल्याण समिति को नगर थाना पुलिस ने सूचित कर दिया. सूचना पर बाल कल्याण समिति सदस्य सह अभिलाषा परिवार के सचिव राजेश सिंह नगर थाना पहुंचे तथा बच्चे की स्थिति को देख डीएस से संपर्क कर उसे सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास में एडमिट कराया.
इधर डंडखोरा बीडीओ को जानकारी मिलते ही वह नगर थाना पहुंचे तथा उक्त दंपती को 50 किलो चावल देने की बात कही. राजेश सिंह ने बताया कि दंपती अपने बच्चे का भरण पोषण नहीं करने की स्थिति में किशोर अधिनियम के अंतर्गत बच्चे को बाल कल्याण समिति में सरेंडर करेगा. इसके बाद समिति की जिम्मेवारी बच्चे के भरण पोषण या फिर किसी को गोद देने की होगी.

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