नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि 16 दिसंबर, 2012 के सामूहिक बलात्कार मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला इस तरह के जघन्य अपराधों के खिलाफ निवारक के रूप में काम करेगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पांच साल हो गए हैं, लेकिन इस देश में न्याय पाने में दशकों लग जाते हैं. इसलिए न्याय निश्चित तौर पर हुआ है. मैं खुश हूं। समूचा देश खुश है.’ पहले ही रिहा किए जा चुके दोषी किशोर के बारे में पूछे जाने पर मेनका ने कहा कि इस मामले में कानून बढ़ाई गयी सजा की इजाजत नहीं देता. मंत्री ने कहा कि इस तरह का फैसला उन लोगों को एक सख्त संदेश देने के लिए जरूरी है जो ऐसे जघन्य अपराध करते हैं.
दिल्ली गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए दोषियों की सजा बरकरार रखी है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले के दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश की फांसी की सजा कायम रखी. आपको बता दें कि चारों ने इस सजा को अदालत में चुनौती दी थी. इससे पहले, अदालत ने 27 मार्च को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. पूरे देश की नजर फैसले पर थी. निर्भया के माता-पिता सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे.
निर्भया केस में सर्वसम्मति से तीनों जजों ने फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया केस को बर्बरतापूर्ण घटना करार दिया. कोर्ट ने कहा कि इस बर्बरता के लिए माफी नहीं दी जा सकती. यह गुनाह ऐसा है कि इसमें माफी की गुंजाइश ही नहीं है.