कोलकाता. केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि सरकार ‘डिजिटल इंडिया और भारत’ के बीच अंतर को पाटने की दिशा में काम कर रही है, ताकि सुविधाओं तक सबसे गरीब व्यक्तियों की भी पहुंच हो.
हर्षवर्धन ने कहा कि एक डिजिटल आंदोलन की शुरुआत पहले ही हो चुकी है, जो कि वैज्ञानिक आंदोलन और एक प्रौद्योगिक आंदोलन का सम्मिश्रण है, ताकि भारत के सबसे दूरदराज हिस्से में गरीब से गरीब व्यक्ति की भी सभी सुविधाओं तक पहुंच हो. हर्षवर्धन ने ये बातें यहां ‘नेशनल एटलस एंड थिमैटिक मैपिंग आर्गेनाइजेशन’ (एनएटीएमओ) के ‘राष्ट्रीय एटलस भवन’ के चौथे चरण का उदघाटन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहीं. उन्होंने कहा कि गत दो-तीन वर्षों मेें दो लाख किलोमीटर फाइबर केबल बिछायी जा चुकी है और 2018 तक पूरा देश कवर हो जायेगा. उन्होंने कहा कि मोदीजी चाहते हैं कि देश के 125 करोड़ लोग मोबाइल का इस्तेमाल करें और एक बटन दबाकर उन्हें पूरे एक रुपये मिले, केवल 15 पैसे नहीं, जो उन्हें पहले मिलते थे.
केंद्रीय मंत्री ने जनसंघ संस्थापक डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान का उल्लेख किया और कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन ने उनके जन्मस्थान का पुनर्निर्माण किया और उनकी अभिलेखीय तसवीरें डिजिटल कीं. उन्होंने कहा कि एनएटीएमओ राष्ट्रीय एटलस देश के नागरिकों के लिए आसानी से उपलब्ध कराने के उद्देश्य पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपनी कोर टीम के साथ देश में लागू होनेवाली सरकारी योजनाओं की निगरानी कर रहे हैं और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग वैज्ञानिकों को सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.