जिला प्रशासन ने 10.30 बजे तक ही स्कूलों के संचालन का निर्देश दिया है. जबकि यहां पारा 42 डिग्री पार कर चुका है. लू के थपेड़े से बच्चों का हाल-बेहाल है. 10.30 बजे छुट्टी के बाद बस में घंटे-दो घंटे गुजारते बच्चे घर पहुंचते-पहुंचते बेदम हो जा रहे हैं.
धनबाद : भीषण गरमी से बड़ों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान हैं. घरेलू महिलाएं बहुत जरूरी काम से ही बाहर निकल रहीं हैं तो पुरुष और कामकाजी महिलाएं गमछा-तौलिया और फेस मास्क लगाकर निकल रहे हैं. बावजूद वे बीमार पड़ रहे हैं और ऐसे में मासूम बच्चों की हालत समझी जा सकती है. पारा 42 डिग्री के पार जा चुका है और बच्चे बीमार पड़ रहे हैं.
स्कूल से छुट्टी के बाद घर लौटते लू लगने से उन्हें दस्त एवं उलटी होने लगी है. जिला प्रशासन ने सुबह 6:30 बजे से 10:30 बजे तक स्कूल के संचालन का समय निर्धारित किया है, लेकिन अब 10:30 बजे भी लू चल रही है. इसके अलावा स्कूल से घर आने में बच्चों को करीब एक-दो घंटा और लग जाता है. ऐसे में कई अभिभावकों ने तो बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया है.
इस तरह बढ़ रहा तापमान : गुरुवार को अधिकतम तापमान 42 एवं न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस रहा. शुक्रवार को न्यूनतम तापमान एक डिग्री बढ़ कर 26 डिग्री पर जा सकता है. वहीं शनिवार को अधिकतम तापमान भी दो डिग्री बढ़ कर अधिकतम 44 एवं न्यूनतम 26 रहने की संभावना है. रविवार एवं सोमवार को अधिकतम 43 डिग्री रहेगा. मंगलवार से तापमान में थोड़ी कमी आ सकती है. इस तरह शनिवार से सोमवार तक लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है.
बसों में लग रहे एक-दो घंटे : स्कूलों में छुट्टी तो जिला प्रशासन के निर्देश पर 10:30 बजे तक हो रही है, लेकिन बच्चे घर तक 12:30 बजे बजे तक पहुंच रहे हैं. दरअसल छुट्टी के बाद स्कूल से घर पहुंचने तक में करीब एक से दो घंटे का समय लग जाता है. इस दौरान स्कूल बसों में बच्चे ऊमस से परेशान रहते हैं. कई बार तो ट्रैफिक जाम के कारण और अधिक समय भी लग जाता है. इस कारण स्कूल बसों में भी बच्चों की उलटी होने की शिकायत सामने आने लगी है.
गरमी से डी-हाइड्रेशन का खतरा : डॉ सिन्हा
फिजिशियन डॉ विपिन सिन्हा बताते हैं कि गरमी बढ़ने से डी-हाईड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है. स्कूली बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं. बच्चों में मितली, उलटी, सिरदर्द आदि की शिकायत मिल सकती है. ऐसे में जरूरी है कि बच्चों की सही निगरानी की जाये. कोशिश करें कि धूप, गरम हवाओं के संपर्क में नहीं आयें. यदि बच्चे लू या डी-हाइड्रेशन की चपेट में आ जाते हैं, तब ओआरएस का घोल दें. गीले कपड़े से शरीर को पोछें और नहायें भी. बाहरी तैलीय व पॉकेट बंद खाद्य पदार्थ से बच्चों को दूर रखें. फल, हरी सब्जियां खाने में बच्चों को अधिक दें. धूप की चपेट में आने से यदि बच्चे को बुखार हो जाये तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.