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राशि में 10 से 15 फीसदी तक की होनी थी बढ़ोत्तरी

विवाद तो जनाब, क्यों नहीं कर रहे सुरक्षित जमा राशि में परिवर्तन सुपौल : जिला परिषद द्वारा छातापुर बस पड़ाव की सैरात जिला पार्षद किरण कुमारी के पति अरुण कुमार मेहता को बंदोबस्त किये जाने का विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामला उजागर होने के बाद अब तीन लोगों ने अलग-अलग […]

विवाद तो जनाब, क्यों नहीं कर रहे सुरक्षित जमा राशि में परिवर्तन

सुपौल : जिला परिषद द्वारा छातापुर बस पड़ाव की सैरात जिला पार्षद किरण कुमारी के पति अरुण कुमार मेहता को बंदोबस्त किये जाने का विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामला उजागर होने के बाद अब तीन लोगों ने अलग-अलग आवेदन दाखिल कर पुन: डाक बुलाने की मांग की है.
छातापुर निवासी मकसूद मशन, असगर अली व मो हारुण ने इस बाबत जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी के समक्ष आवेदन दाखिल किया है. जिसमें आवेदकों ने डाक के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पुन: डाक कराने की मांग की है. साथ ही कहा है कि डाक के लिए निविदा निकालने में जो लागत आयेगी,
उसका वहन करने के लिए भी वे तैयार हैं. गौरतलब है कि इससे पूर्व 29 अप्रैल को प्रभात खबर ने ‘बंदोबस्ती में घालमेल’ शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था. जिसके बाद से लगातार इस मामले के अन्य पहलुओं पर भी हम नजर बनाये हुए हैं.
सुरक्षित जमा से ज्यादा नहीं बढ़ पाया बंदोबस्ती राशि :
सैरात बंदोबस्ती को लेकर विवाद इसलिए भी उठ खड़ा हुआ है, उसके पीछे की मूल वजह यह है कि राघोपुर गुदरी को छोड़ सभी सैरात सुरक्षित जमा राशि के आसपास की ही रकम में बंदोबस्त किये गये हैं. राघोपुर स्थित जिप सड़क संख्या 12 किनारे की गुदरी सुरक्षित जमा राशि से 01 लाख 80 हजार 875 रुपये के अंतर से 03 लाख 16 हजार रुपये में बंदोबस्त की गयी है, जबकि गत वर्ष सुरक्षित जमा राशि से सर्वाधिक 06 लाख 37 हजार 500 रुपये अधिक में आवंटित छातापुर बस पड़ाव का अंतर इस वर्ष महज 37 हजार 600 रुपये रह गया है. इस प्रकार यहां कुल 05 लाख 99 हजार 900 रुपये का प्रत्यक्ष घाटा हुआ है.
वही निर्मली से झिटकी जिप सड़क संख्या 23 के किनारे जमीन सुरक्षित जमा राशि से 2085 रुपये के अंजर के साथ 20 हजार 600 रुपये, जिप बस पड़ाव त्रिवेणीगंज सुरक्षित जमा राशि से 10 हजार 315 रुपये के अंतर के साथ 20 लाख 82 हजार 500 रुपये, भलुआही बाजार से बांध किनारे गुदरी जिप सड़क संख्या 04 सुरक्षित जाम राशि 5635 से 1265 रुपये के अंतर के साथ 6900, जिप सड़क संख्या 07 व 21 किनारे किसनपुर बाजार जंक्शन चौक पर ऑटो व बस पड़ाव सुरक्षित जमा राशि से 6250 रुपये के अंतर के साथ 05 लाख 87 हजार रुपये आिद जगहों की बंदोबस्त की गयी है. जाहिर है, सुरक्षित जमा राशि में भी बढ़ोतरी नहीं किया जाना, अधिकारियों की मंशा पर प्रश्नचिह्न खड़े कर रहा है.
अधिकारियों की दलील ने ही खड़ा किया विवाद
जिला पार्षद पति के अतिरिक्त अन्य लोगों को भी सैरात बंदोबस्त किये जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो चुका है और इसकी पीछे की मूल वजह भी अधिकारियों की थोथी दलील ही है. दरअसल अधिकारियों का तर्क है कि बंदोबस्ती के दौरान सुरक्षित जमा राशि को आधार बना कर ही, मुनाफे या नुकसान का आंकलन होता है, लेकिन यह बताने के पूर्व अधिकारियों ने इस बात का जिक्र तक नहीं किया कि नियम के मुताबिक हर वर्ष इस सुरक्षित जमा राशि मे भी 10 से 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी होनी चाहिए.
क्योंकि मूर्त रूप में भी इस नियम के अनुकूल कार्य किया ही नहीं गया. बंदोबस्ती के लिए निकाली गयी निविदा में गत वर्ष और इस वर्ष की सुरक्षित जमा राशि में कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया और इस प्रकार अवैध आर्थिक लाभ के लिए सरकारी राजस्व को चूना लगाया गया. वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बंदोबस्त किये गये आठ में से सात सैरातों की सुरक्षित जमा राशि जस की तस रही. एकमात्र बदलाव परसरमा स्थित जिला परिषद निरीक्षण भवन की सुरक्षित जमा राशि में किया गया. जो 748 रुपये से बढ़ा कर 1148 रुपये किया गया है.
कहते हैं अधिकारी
मामले को ले डीएम से संपर्क साधा जायेगा. उनसे इस मामले में जानकारी प्राप्त की जायेगी. साथ ही कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जायेगा, जो भी विधि सम्मत होगा, उसी के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.
उपेंद्र नाथ पांडेय, विशेष सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय, पटना

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