17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुंगेर में डायरिया, दर्जन भर रोगी पहुंचे अस्पताल

बढ़ती गरमी के साथ-साथ डायरिया का प्रकोप भी बढ़ने लगा है. सदर अस्पताल में रोगियों की बढ़ती संख्या इसे बयां करती है. मुंगेर : भीषण गरमी के साथ-साथ जिले में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है़ अस्पताल में डायरिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही. बुधवार को सदर अस्पताल में दर्जन भर […]

बढ़ती गरमी के साथ-साथ डायरिया का प्रकोप भी बढ़ने लगा है. सदर अस्पताल में रोगियों की बढ़ती संख्या इसे बयां करती है.

मुंगेर : भीषण गरमी के साथ-साथ जिले में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है़ अस्पताल में डायरिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही. बुधवार को सदर अस्पताल में दर्जन भर से अधिक डायरिया के मरीजों को भरती किया गया़ वहीं पहले से भी यहां पर कई मरीज भरती हैं, उनका इलाज चल रहा है़ डायरिया के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए आम जनों को खान-पान में थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है़
डायरिया का बढ़ा प्रकोप
डायरिया से पीड़ित जितने भी मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं, उनमें से अधिकांश अनियमित खान-पान के कारण ही डायरिया के शिकार हुए हैं. वहीं मरीजों में ग्रामीण से अधिक शहरी क्षेत्र के लोग शामिल हैं. सुभाषनगर की चिंता देवी, मुगलबाजार की सवित्री देवी, शिवकुंड की रंकू देवी, सिकंदरपुर के सिकंदर यादव, चंडीस्थान की पूजा देवी व किरण देवी, चुरंबा की मुसर्रफ बानो, चरौन के डब्लू शर्मा, छोटी मिर्जापुर की मुन्नी देवी, हसनगंज की सुमित्रा देवी, शिवनगर के विकास कुमार सहित अन्य मरीजों ने डायरिया के कारण किसी न किसी भोज व पार्टी में किये गये भोजन को ही बताया़ एक साथ मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी के कारण हाल यह है कि एक बेड पर दो- दो मरीजों का स्लाइनिंग करना पड़ रहा है़
खान-पान में बरतें सावधानी
सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव ने बताया कि जब आदमी बार-बार मल त्‍याग करे या पतला मल निकले या दोनों ही स्थितियां हो, तो उसे डायरिया कहते हैं. दिन में 5 या उससे ज्यादा बार मल त्याग करने पर स्थिति चिंताजनक होती है़ डायरिया आमतौर पर अगर एक हफ्ते में ठीक नहीं होता है तो क्रॉनिक डायरिया कहलाता है़ डायरिया की स्थिति देर तक बने रहने पर आदमी बेहोश हो सकता है और समय से इलाज न होने पर मरीज की मृत्यु तक हो सकती है़
खाने में बरती गयी असावधानी इसका प्रमुख कारण होता है़ डायरिया के तीव्र प्रकोप से पेट के निचले हिस्से में पीड़ा या बेचैनी प्रतीत होती है़ पेट मरोड़ना, उल्टी आना, बुखार होना, कमजोरी महसूस करना डायरिया के लक्षण हैं. डायरिया देर तक रहने पर आदमी को कमजोरी और निर्जलीकरण की समस्या पैदा हो जाती है़ गरमी के मौसम में डायरिया के प्रकोप से बचने के लिए लोगों को खान-पान के प्रति संयमित रहने की आवश्यकता होती है़
बंद न करें भोजन
चिकित्सक ने बताया कि डायरिया होने पर भोजन बिल्कुल बंद न करें. केला, चावल, सेब फल का गूदा, मुरब्बा या सॉस जिसे ब्रॉट कहते हैं, इन सबका प्रयोग खाने में करें. ब्रॉट न केवल डायरिया पर नियंत्रण करता है बल्कि गैस्टोएंटराइटिस जैसी समस्याओं के लिए भी प्रभावशाली नुस्खा है़ डायरिया के उपचार में चावल बहुत कारगर होता है़ चावल आंतों की गति को कम करके दस्त को बांधता है़ डायरिया में पर्याप्त मात्रा में पोषक और तरल पदार्थ लेना चाहिए़ हालत में सुधार नहीं होने की स्थिति में डॉक्टर से जरूर सलाह लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें