पटना : बिहार के राजगीर में राजद के प्रशिक्षण शिविर को सूबे की सियासत में नये नजरिये से देखा जा रहा है. मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक लालू प्रसाद इसी प्रशिक्षण के बहाने अपने छोटे पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में लांच कर सकते हैं. राजनीतिक गलियारों में इस बात की खूब चर्चा है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो लालू प्रसाद यादव 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव को मजबूत स्थिति में लाने की फिराक में हैं. जानकार ऐसा मानते हैं कि सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला तेजस्वी यादव के राजनीतिक कैरियर के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव बनने जा रहा है.
सियासी गलियारे में चर्चा शुरू
हाल के दिनों में लालू परिवार पर जिस तरह से मिट्टी और कथित मॉल घोटाले को लेकर बीजेपी के हमले बढ़े हैं, उससे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की चिंता वाजिब है. मीडिया में चल रही खबरें बताती हैं कि लालू यादव जल्द ही तेजस्वी यादव को बिहार की सियासत में बड़े कद के साथ लांच करने की फिराक में हैं. इसके लिए पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपने के साथ उन्हें कई और भी विंग का प्रमुख बनाने की कवायद अंदर ही अंदर जारी है. राजगीर के प्रशिक्षण शिविर में जिस तरह लालू प्रसाद का मिलाजुला तेवर दिखा और उन्होंने कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं को जो टिप्स दिये उससे साफ जाहिर होता है कि पार्टी एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. हालांकि, विरोधी दल के नेताओं की मानें तो प्रशिक्षण शिविर एक बहाना है, असली मामला है इसी बहाने तेजस्वी यादव को नेतृत्व सौंपना.
तेजस्वी का कद बढ़ाने की तैयारी
मीडिया से बातचीत में राजद प्रवक्ता मनोज झा ने यह कहा है कि तेजस्वी यादव में नेतृत्व और किसी बड़े नेता के वह तमाम गुण मौजूद हैं. तेजस्वी के अंदर सबको साथ लेकर चलने की काबिलियत है. पार्टी के अंदर और बाहर चल रही चर्चा भी इस ओर इशारा करती है कि लालू यादव अपनी राजनीतिक विरासत को तेजस्वी के भरोसे छोड़ने जा रहे हैं. राजद की ओर से तेजस्वी यादव को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर इसकी शुरूआत करने की चर्चा है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने स्पष्ट किया है कि इसी प्रशिक्षण शिविर के बहाने लालू अपने परिवार और बेटों को बिहार की राजनीति में स्थापित करने की जुगत में हैं.
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