नयी दिल्ली/इसलामाबाद : भारतीय सेना ने मंगलवारको पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कहा कि दो सैनिकों के शवों को क्षतविक्षत करना कायराना एवं अमानवीय कृत्य है जिसका स्पष्ट जवाब दिया जाना चाहिए. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने खुद पर लगे आरोपों से साफ इनकार किया.
इस बीच, सेना के नायब सूबेदार परमजीत सिंह और बीएसएफ के हेड कॉन्स्टेबल प्रेम सिंह को नम आंखों से अंतिम विदायी दी गयी. पाकिस्तान संघर्षविराम उल्लंघन और सैनिकों के शवों के साथ बर्बरता किये जाने के भारत के आरोपों को साफ नकार दिया जिसके बाद दोनों पडोसी देशों के तनावपूर्ण रिश्ते एक बार फिर चरचा में आ गये और शहीदों के परिजन ने पड़ोसी देश को ‘मुहंतोड जवाब’ देने की मांग उठायी.
भारत के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने मंगलवारकी सुबह अपने पाकिस्तानी समकक्ष से बात कर जम्मू कश्मीर के पुंछ स्थित कृष्णा घाटी में सोमवार को दो भारतीय सैनिकों को मार डालने और उनके सर काट डालने की घटना पर गंभीर चिंता जाहिर की. सेना ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय सेना के डीजीएमओ ने उन्हें बताया कि इस तरह की कायराना एवं अमानवीय कार्रवाई किसी भी सभ्यता के किसी भी मापदंड से परे है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा तथा समुचित जवाब दिया जाना चाहिए.’
डीजीएमओ ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से यह भी कहा कि घटना स्थल के समीप बनी पाकिस्तानी सेना की चौकी ने इसमें भरपूर फायरिंग कर सहयोग दिया. सेना ने कहा कि डीजीएमओ ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नियंत्रण रेखा के बेहद करीब बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) प्रशिक्षण शिविर की मौजूदगी को लेकर चिंता जतायी. दोनों डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन संपर्क के दौरान इस मुद्दे पर चरचा के दौरान पाकिस्तानाी सेना ने भारत से उसके इस दावे के पक्ष में ‘कार्रवाई योग्य प्रमाण’ पेश करने को कहा कि पाकिस्तानी विशेष बलों के दल नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर गए और उन्होंने दो भारतीय सुरक्षा कर्मियों के सिर काट डाले.
सेना ने बयान में कहा, ‘पाकिस्तान ने संघर्षविराम उल्लंघन और भारतीय सैनिकों के शवों को क्षतविक्षत करने के भारत के आरोपों को खारिज कर दिया.’ पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने दावा किया ‘पाकिस्तानी सेना एक पेशेवर सैन्य संगठन है तथा उसका आचरण उच्च मानकोंवाला है. क्षतविक्षत करने का आरोप कश्मीर घाटी में व्याप्त हालात से दुनिया का ध्यान हटाने की भारत की कोशिश है.’ अपनी कार्रवाई से पड़ोसी देश के इंकार का पंजाब के वैनपोइन गांव में खास असर नहीं पड़ा जहां 42 वर्षीय परमजीत सिंह का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.