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उगाही के लिए कराते हैं मारपीट व हंगामा

बैठक. डॉक्टरों ने सुरक्षा के प्रति जतायी िचंता पूर्णिया : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के सदस्यों ने सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर चिंता जतायी है. स्थानीय आइएमए हॉल में शनिवार की देर शाम इस बाबत एक बैठक हुई, जिसमें मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता आइएमए के अध्यक्ष डा एसके वर्मा ने […]

बैठक. डॉक्टरों ने सुरक्षा के प्रति जतायी िचंता

पूर्णिया : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के सदस्यों ने सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर चिंता जतायी है. स्थानीय आइएमए हॉल में शनिवार की देर शाम इस बाबत एक बैठक हुई, जिसमें मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता आइएमए के अध्यक्ष डा एसके वर्मा ने की. इस मौके पर कोलकाता के लेप्रोस्कापी सर्जन डा दीपांकर भट्टाचार्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. इसके अलावा सदर एसडीपीओ राजकुमार साह भी उपस्थित थे. मौके पर उपस्थित डॉक्टरों ने अस्पतालों और नर्सिंग होम में आये दिन होने वाली मारपीट व तोड़फोड़ की घटना पर चिंता जतायी.
अध्यक्ष डा एसके वर्मा ने कहा कि सरकार ने डॉक्टर और क्लिनिकों की सुरक्षा के लिए बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम 2011 बनाया है, जिसको 2014 में संशोधन कर और भी सशक्त बनाया गया है.
श्री वर्मा ने कहा कि सख्त कानून के बावजूद चिकित्सा पेशा को कुछ माफियाओं ने उगाही का माध्यम बना लिया है. ऐसे लोग ही अपने संरक्षण में अस्पताल और नर्सिंग होम में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिलाते हैं. दलाल द्वारा मामला सुलझाने के एवज में डॉक्टरों से मुंहमांगी कीमत भी वसूली जाती है. चिकित्सकों को इस बात का हमेशा भय रहता है कि न जाने किस मरीज के परिजन और दलाल बहाना बना कर अस्पताल और क्लिनिक में उपद्रव मचायेगा. वहीं सचिव डा संजीव कुमार ने कानून के बारे में विस्तृत
जानकारी दी.
कानून में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि यदि किसी मरीज, उनके परिजन या परिचित व्यक्ति अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक या चिकित्सा सेवा से संबंधित किसी भी प्रतिष्ठान में तोड़फोड़ या कर्मियों के साथ मारपीट व अभद्र व्यवहार करता है तो वैसे व्यक्ति या समूह में शमिल लोगों को तीन साल की कैद सजा व 50 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. साथ ही प्रतिष्ठान पर हुए नुकसान का दोगुना हर्जाना भी भरना होगा. डा संजीव ने कहा कि पुलिस अधीक्षक और आइएमए के द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाया गया है. जिसमें सभी सरकारी अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक और चिकित्सा सेवा से संबंधित सभी प्रतिष्ठानों पर पोस्टर, बैनर चिपका कर लोगों को जागरूक किया जायेगा.
लिये गये कई निर्णय : बैठक में चिकित्सा क्षेत्र में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कई निर्णय लिये गये. जिसमें चिकित्सा सुरक्षा कानून को सख्ती से लागू करने पर विचार-विमर्श हुआ. किसी भी चिकित्सा सेवा केंद्र पर उपद्रव करना, तोड़फोड़ करना व कर्मियों के साथ मारपीट एवं अभद्र व्यवहार करना दंडनीय अपराध है, इस बात की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने का अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. निर्णय यह लिया गया कि नर्सिंग होम और चिकित्सा केंद्र पर नियम-कायदे से संबंधित पोस्टर और बैनर लगाये जायेंगे. साथ ही बैठक में चिकित्सा सेवा पर हावी हो रहे दलाल व माफियाओं पर भी अंकुश लगाने का निर्णय लिया गया.
कार्यक्रम में उपस्थित सदर डीएसपी राजकुमार साह ने अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक व अन्य चिकित्सा सेवा प्रतिष्ठान पर व्यवस्था सुधारने की नसीहत दी. श्री साह ने कहा कि ईश्वर का दूसरा रूप डॉक्टर होता है. जिसके उपर लोग भरोसा कर अपना जिंदगी बचाने आते हैं. डॉक्टरों को चाहिए कि मरीजों का सही ढंग से इलाज करें और अच्छा बरताव भी करें. मरीजों व उनके परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार करने से उनका मनोबल और विश्वास बढ़ता है. श्री साह ने कहा कि प्रतिष्ठानों में हो रहे हंगामा की वजह सिर्फ मरीज व उनके परिजन ही नहीं हैं, बल्कि अस्पताल के व्यवस्थापक भी हैं. उन्होने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र को सुरक्षा देने के लिए पुलिस हमेशा तत्पर है.
बोले चििकत्सक आये दिन अस्पतालों में मरीजों के परिजन व बिचौलिये करते रहते हैं मारपीट, मचाते हैं उपद्रव, करते हैं हंगामा
सदर डीएसपी ने अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक व अन्य चिकित्सा सेवा व व्यवस्था सुधारने की दी नसीहत
चििकत्सा सुरक्षा कानून सख्ती से लागू करने पर िवचार-विमर्श

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