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कागजी बना फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ चला अभियान

बेतिया : जिले में फर्जी डॉक्टरों व दलालों पर लगाम कसने की विभाग ने एक बेहतर रणनीति तैयार की थी. इस दिशा में कार्रवाई के लिए सर्वप्रथम फर्जी डॉक्टरों और दलालों को चिह्नित करने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानी थी. लेकिन अचानक यह अभियान सुस्त पड़ गयी और अब तक एक भी छापेमारी […]

बेतिया : जिले में फर्जी डॉक्टरों व दलालों पर लगाम कसने की विभाग ने एक बेहतर रणनीति तैयार की थी. इस दिशा में कार्रवाई के लिए सर्वप्रथम फर्जी डॉक्टरों और दलालों को चिह्नित करने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानी थी. लेकिन अचानक यह अभियान सुस्त पड़ गयी और अब तक एक भी छापेमारी नहीं होने से कागजी बन गयी है.

आखिर किन कारणों से अचानक यह अभियान शिथिल हो गया? यह आम लोगों के समझ से परे है. कई प्रबुद्ध लोगों ने यह भी कहा है कि प्रतिवर्ष इस अभियान की घोषणाएं होती हैं और ये सिर्फ कागजों तक सिमट जाती है. कहीं इस अभियान का हश्र तो पूर्व जैसा नहीं होगा?
उल्लेखनीय है कि सिविल सर्जन डाॅ अनिल कुमार सिन्हा ने बताया था कि इस संबंध में काफी दिनों से शिकायतें लगातार मिल रही है. इसके आलोक में एक तीन सदस्यीय टीम का गठन की गयी.
इस टीम में शामिल डाॅ किरण शंकर झा, डाॅ शंकर रजक, जिला स्वास्थ्य समिति के डाॅ आरएस मुन्ना को शामिल किया गया. टीम के डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि शहर के अस्पताल रोड, नाजनीन चौक, इंदिरा चौक, कोतवाली चौक, खुदाबक्स चौक, राजकचहरी के समीपवर्ती इलाके, नया बाजार पुरानी गुदरी, उतरवारी पोखरा, छावनी, जयप्रकाशनगर, खिरियाघाट, जमादार टोला, मनुआपुल, संतघाट, सुप्रिया रोड समेत सभी अनुमंडलीय शहरों और प्रखंडों में अभियान चलायी जाय और फर्जी डॉक्टरों समेत उनके दलालों को चिह्नित किया जाय. इसके साथ ही उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाय. इस शिकायत के आलोक में कई फर्जी डॉक्टरों की सूची भी पूर्व से सिविल सर्जन को उपलब्ध करायी गयी थी. जिनमें कई फर्जी डॉक्टरों के नाम उपलब्ध थे. इनके खिलाफ भी जांचकर कार्रवाई की विशेष हिदायतें दी गयी थी. इस आदेश के बाद फर्जी डॉक्टरों में हड़कंप मच गयी थी. लेकिन पता नहीं किन कारणों से यह अभियान महज कागजी साबित हो रही है. आज तक अभियान आरंभ नहीं किया जा सका.
पीएचसी प्रभारी भी हो गये सुस्त : सिविल सर्जन ने जिले के 18 प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र निर्गत करते हुए निर्देश दिया गया था कि अपने क्षेत्र में फर्जी डॉक्टरों और दलालों को चिह्नित कर कार्रवाई करें और इसकी सूचना सिविल सर्जन को उपलब्ध करायें.
सीएस ने चेतावनी देते हुए सख्त निर्देश दिया था कि इसमें तनिक भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी और किसी भी कोताही पर वेतन रोकने के अलावा विभाग को इनके खिलाफ लिखा जायेगा. विदित हो कि इसके पहले भी जिले के नरकटियागंज और रामनगर समेत बगहा में कई बार अभियान चलाया जा चुका है और कई मामले भी पकड़े गये थे. लेकिन बाद में ये सभी मामले ठंडे बस्ते में पड़ गये.
सीएस ने गठित की थी तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम
चिह्नित कर फर्जी डॉक्टर और दलालों पर करनी थी प्राथमिकी
नहीं हुई शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में छापेमारी व कार्रवाई. लगातार मिल रही शिकायतों पर गठित की गयी थी टीम
जांच टीम के सदस्यों से छापेमारी समेत पीएचसी प्रभारियों से इस संबंध में कार्रवाई के बाबत पूछताछ की जायेगी और शीघ्र छापेमारी अभियान और कार्रवाई के लिए सख्त निर्देश जारी किये जायेंगे.
डाॅ अनिल कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन, पश्चिम चंपारण

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