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शहर के घरों की छतों पर मंडरा रहा मौत का साया

गरमी के कारण बेहाल हैं शहर के लोग, छत पर सोने को विवश बक्सर : शहर में घरों के ऊपर से गुजरते बिजली के नंगे तार मौत को दावत दे रहे हैं. वहीं, लोग बिजली कट जाने व उमस भरी गरमी में छत पर सोने को विवश हैं. शहर में बसने वाले करीब दर्जन भर […]

गरमी के कारण बेहाल हैं शहर के लोग, छत पर सोने को विवश

बक्सर : शहर में घरों के ऊपर से गुजरते बिजली के नंगे तार मौत को दावत दे रहे हैं. वहीं, लोग बिजली कट जाने व उमस भरी गरमी में छत पर सोने को विवश हैं. शहर में बसने वाले करीब दर्जन भर मुहल्लों की यही हालत है. इन मुहल्लों में बसने वाली करीब 20 हजार की आबादी पर बिजली विभाग की लापरवाही से हाइ टेंशन विद्युत प्रवाहित तार मौत को दावत दे रही है. यह स्थिति शहर के धोबीघाट, चीनी मिल, कलेक्ट्रेट रोड व अन्य मुहल्लों की है, जहां लोग बांस-बल्लियों के सहारे तार टांग कर व टोका फंसा कर अपने घरों में बिजली ले गये हैं. बतादें कि किसी एक फेज की बिजली चली जाती है, तो लोग दूसरे में टोका फंसा कर काम चला लेते हैं.
हर ओर घरों के ऊपर बिछा है नंगे तारों का जाल : शहर में बिजली की सप्लाइ के लिए विद्युत विभाग तार का जाल बिछा रखा है, लेकिन ये तार कई घरों के ऊपर से गुजरे हैं, जिससे उन मकानों में रहने वाले लोगों को हमेशा जान पर बनी रहती है. शहर के अधिकांश मुहल्लों में 11 हजार वोल्ट व 33 हजार के तार गुजरते हैं. कई मुहल्लों में 33 हजार वोल्ट का तार लोगों की छतों के बिल्कुल करीब से गुजरा है, जिसके थोड़े ही पास से लोग अपनी जान गंवा देते हैं.
टोका फंसा कर घर में उजाला करने की मजबूरी : विद्युत विभाग कनेक्शन देने में कभी कोताही नहीं करता है. विभाग द्वारा कनेक्शन के लिए कैंप भी लगाये जाते हैं. वैध रूप से कनेक्शन लेने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाता है, लेकिन समस्या आती है कनेक्शन को घर तक लाने में. ऊपर झूल रहे तार में टोका लगाकर घर तक बिजली का कनेक्शन आता है. टोका गिरा, तो बिजली गुल. विभाग की ओर से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है कि बिना टोका फंसाया कनेक्शन लिया जा सके. वैसे तो विभागीय आंकड़ों के अनुसार शहर में 45 हजार कनेक्शन दिये गये हैं, लेकिन अवैध तरीके से करीब पांच हजार से अधिक कनेक्शन टोका फंसा कर लिए गये हैं.
पहले भी कई बार हो चुके हैं हादसे : शहर में पहले भी हाइ टेंशन तार के गिरने से हादसा चुका है, जिसमें कई जाने चली गयीं. 2013 में पांडेय पट्टी स्थित मत्स्य विभाग के सामने एक घर में चापाकल की मरम्मत के दौरान लोहे का पाइप 33 हजार वोल्ट के तार से सट गया था. इससे मिस्त्री समेत घर के मालिक की मौत हो गयी थी. वर्ष 2013 में ही जीआरपी कैंपस में दातून बेचनी वाली महिला के ऊपर 11 हजार का तार अचानक टूट कर गिर गया. हाइ वोल्टेज तार के कारण महिला की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी थी. 2012 में ज्योति प्रकाश चौक पर दुर्गा पूजा के लिए पंडाल बनाने के दौरान पंडाल पर तार गिरने से दो लोग बुरी तरह से झुलस गये थे. हालांकि, घटना में किसी की जान नहीं गयी थी. वर्ष 2016 के जुलाई माह में बाजार समिति परिसर में हाइ वोल्टेज तार से दो भैंसों की मौत हो गयी थी.
वहीं बुधवार को नावानगर प्रखंड के सिकरौल में बिजली के तार टूट कर गिरने से कई बीघे में लगी गेहूं की फसल राख हो गयी.
आइपीडीएस योजना के लागू होने पर बदलेगी तसवीर
इंटीग्रेटेड पावर डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम (आइपीडीएस) के तहत सभी शहरी क्षेत्रों में कवर वायर से बिजली की सप्लाइ की जायेगी. प्रोजेक्ट के तहत दो नये पावर सब स्टेशन लगाये जाने हैं. एलटी एक्सटेंशन तारों का विस्तार होगा. शहर को 24 घंटे की निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जायेगी. योजना वर्ष, 2014 में शुरू की गयी है. योजना के लिए डीपीआर केंद्र को भेजा गया था, जिसे स्वीकृति मिलना चुका है. योजना पर काम भी शुरू हो गया है.
शिकायत पर की जाती है व्यवस्था
आइपीडीएस स्कीम के तहत कवर वायर लगाने की योजना बनी है. शिकायत मिलने पर नंगे तारों को घनी आबादी से दूर कर दिया जाता है. जर्जर तार बदलने के लिए विभाग को भी लिखा गया है.
संतोष कुमार, कार्यपालक अभियंता, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी, बक्सर

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