पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा द्वारा उनपर लगाये गए आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया और कहा कि राजद प्रमुख ने उपहारस्वरुप बेशकीमती जमीन और मकान लेकर उन्होंने पार्टी के कोटे से रघुनाथ झा को केंद्रीय मंत्री बनवाया था. इससे पहले मनोज झा ने आरोप लगाया था कि सुशील मोदी ने उपमुख्यमंत्री रहते हुए अपने भाई आरके मोदी को उनके व्यावसाय में मदद की थी.
पटना स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुशील ने लालू के ‘बेनामी संपत्ति’ के अपने ताजा खुलासे में आज आरोप लगाया कि राजद प्रमुख ने रघुनाथ झा से गोपालगंज में करीब 20 लाख रुपये का अपना छह कठ्ठा 18 धुर जमीन, जिसका वर्तमान मूल्य करीब 15 करोड़ रुपये है, तीन मंजिला मकान के साथ अपने दोनों पुत्रों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम उपहारस्वरुप लिखवाकर उन्हें केंद्र में भारी उद्योग राज्य मंत्री बनवाया था.
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि 1999 से 2004 तक गोपालगंज से जदयू के सांसद रहेरघुनाथ झा ने वर्ष 2004 में बेतिया सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे. उसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग से सटा अपना उक्त बेशकीमती भूखंड और तीन मंजिला उपहारस्वरुप लालू के दोनों पुत्रों को दिया, जिसके एवज में वह वर्ष 2005 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग-1 सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान राजद कोटे से भारी उद्योग राज्य बनाए गए.
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भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि रघुनाथ झा अगर दान करते रहे हैं तो वह किसी अन्य मठ, मंदिर अथवा किसी अन्य को उपहारस्वरुप कोई भूखंड देने का अन्य उदाहरण पेश करें. उन्होंने रघुनाथ झा ने पूछा कि लंबे समय तक जदयू सांसद रहते हुए उन्होंने अपनी पार्टी या उसके संयोजक जार्ज फर्नांडिस के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया. जबकि राजद में शामिल होने के एक साल के भीतर ही उन्होंने लालू प्रसाद के दोनों पुत्रों को प्रेमवश अपनी बेशकीमती जमीन और मकान उपहारस्वरुप भेंट कर दिया.
सुशील मोदी ने उक्त जमीन से जुड़े दस्तावेज मीडिया को उपलब्ध कराया. उन्होंने इस भेंट के पीछे के अपने कारणों दोहराते हुए कहा कि झा ने डीड में कहा है कि ऐसा उन्होंने यह भेंट पाने वालों की निष्ठापूवर्क सेवा करते रहने, उनके सगे पुत्र की तरह उनके पीछे खड़े रहने तथा उनकी वफादारी के साथ सेवा से प्रसन्न होकर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि डिलाईट मार्केटिंग, एके इंफोसिस्टम और एबी एक्सपोर्ट जैसी शेल (नाम भर की) कंपनियों के माध्यम से राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र एवं बिहार सरकार के दो मंत्रियों (लालू के दोनों पुत्र) तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव तथा पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी (लालू की पत्नी) करोड़ों की सम्पति सहित, कई कम्पनी के मालिक बन बैठे हैं. इसका दस्तावेजों के साथ वह पहले ही खुलासा कर चुके हैं पर उसका आज तक लालू प्रसाद जवाब नहीं दे पाए.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लालू के डिलाईट मार्केटिंग, ए के इंफोसिस्टम और एबी एक्सपोर्ट जैसी शेल (नाम भर की) कम्पनियों के माध्यम से जमीन अपने परिवार करवाने सहित अन्य 40 संपत्तियों के लिखवाने से जुड़े सभी दस्तावेजों में गवाह के तौर पर उनके विश्वस्त भोला प्रसाद यादव का नाम वर्णित है जिन्हें उनकी ‘सेवा’ स्वरुप पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी का टिकट देकर अनुग्रहित किया और आज वे विधायक हैं.
सुशीलमोदी ने लालू प्रसाद पर अपने परिवार के सदस्यों के नाम बिना जमीन लिखवाए किसी का कोई काम नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लालू यह खुलासा करें कि उन्होंने इस प्रकार का उपहार पाकर किन-किन को चुनाव में टिकट बांटे और मंत्री बनाए नहीं तो भाजपा इसका खुलासा करेगी.
इससे पहले पटना स्थित राजद मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने आज यह आरोप लगाया कि राजग शासनकाल में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद सुशील कुमार मोदी का राजनीतिक कद बढने के साथ ही उनके भाई आर के मोदी के व्यवसाय का विस्तार होता गया. सुशील के भाई आरके मोदी के आशियान होम्स नामक रियल स्टेट कंपनी के नाम पर करीब 500 करोड़ रुपये की ‘बेनामी संपत्ति’ करने का आरोप लगा चुके झा ने आज आरोप लगाया कि आरके मोदी ने आशियाना लैंडक्राफ्ट रियेलिटी प्रा. लि. नामक एक अन्य शेल कंपनी के जरिए करीब 512 करोड़ रुपये की अन्य ‘बेनामी संपत्ति’ एकत्र की है.
सुशील ने राजद के इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए उसे अपने खिलाफ दस्तावेजी सबूत के साथ आने की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों पर आरोप दस्तावेजी सबूत के आधार पर लगाए हैं जबकि राजद द्वारा उनपर बिना किसी बुनियादी साक्ष्य के लगाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि जिन कम्पनियों का जिक्र राजद द्वारा किया गया तो उन्हें बताना चाहिए था कि क्या वे उन कम्पनियों का मालिक, हिस्सेदार अथवा निदेशक हैं ? सुशील ने कहा कि वे न तो किसी भी कम्पनी के मालिक, न तो उसमें हिस्सेदार तथा निदेशक पर आसीन हैं बल्कि बल्कि पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ हैं. उन्होंने कहा कि जिन कम्पनियों के बारे में उनपर आरोप लगाया गया उनका जवाब तो उस कम्पनी के मालिक ही दे सकते हैं वे कैसे उसका जवाब दे सकते हैं.