मधुबनी के चिउरही पंचायत का मामला
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दियारे में दिखा बाघ ग्रामीणों में दहशत
मधुबनी के चिउरही पंचायत का मामला मधुबनी (पचं) : बाघ की धमक से दियारे के लोग एक बार फिर दहशत में हैं. भय से किसानों ने अपने खेतों में जाना छोड़ दिया है. गेहूं की कटनी बंद है. मंगलवार की सुबह बाघ चिउरही पंचायत के दियारा में देखा गया. किसान खेतों में गेहूं काटने के […]
मधुबनी (पचं) : बाघ की धमक से दियारे के लोग एक बार फिर दहशत में हैं. भय से किसानों ने अपने खेतों में जाना छोड़ दिया है. गेहूं की कटनी बंद है. मंगलवार की सुबह बाघ चिउरही पंचायत के दियारा में देखा गया. किसान खेतों में गेहूं काटने के लिए गये थे. उन्होंने देखा कि बाघ बगल के गेहूं के खेत में नीलगाय को मार कर खा रहा है. यह देख किसानों की घिग्घी बंध गयी. इशारा करते हुए वे वहां से भागे. इसके बाद से किसानों ने खेतों में जाना छोड़ दिया है. बताते हैं कि बाघ वहीं कहीं आसपास में छिपा हुआ है. जबकि यहां से जंगल नदी के रास्ते 25 व सड़क मार्ग से 40 किमी दूर है.
चिउरही निवासी करीम मियां परिजनों के साथ अपने खेत में गेहूं काट रहे थे. वहां किसी जानवर के मरने की बदबू आ रही थी. बदबू कहां से आ रही है, इसे देखने के लिए आगे बढ़े, तो देखा एक बाघ नीलगाय को खा रहा है. बाघ को देखते ही उनकी जान सूख गयी और वे वहां से भाग कर गांव में आ गये. इसकी सूचना मुखिया वीरेंद्र यादव को दी. ग्रामीण सुरेंद्र महतो, मेहीलाल चौधरी, राधेश्याम कुशवाहा, मोहम्मद अली, फिरोज अहमद, नन्हे आलम, जमील मियां समेत दर्जनों लोग लाठी-डंडे के साथ खेतों की ओर गये. बाघ वहां नहीं मिला. ग्रामीणों का कहना है कि बाघ
मधुबनी में दिखा
आसपास ही किसी खेत में छुपा हुआ है. ग्रामीणों को अकेले पा कर वह कभी भी हमला कर सकता है. मुखिया वीरेंद्र यादव का कहना है कि दियारे में बाघ की चहलकदमी की सूचना तो बहुत दिनों से मिल रही थी, लेकिन ग्रामीणों ने आज उसे देखा है.
जंगल से निकल दियारे में आते हैं बाघ
पहले भी बाघ व तेंदुआ जंगल से भटक कर दियारा में पहुंचते रहे हैं. 2011 में वीटीआर के जंगल से भटक कर बाघ गंडक नदी के रास्ते सोनपुर के दियारे में पहुंच गया था. उसे वापस लाने के दौरान डीएफओ समेत एक वनकर्मी घायल भी हुए थे. 2013 में टाइगर रिजर्व का बाघ गंडक दियारा के रास्ते उतरप्रदेश के पडरौना पहुंच गया था. बाघ को देखने के बाद मची भगदड़ में दर्जनों लोग जख्मी हो गये थे. उसी साल एक बाघ जंगल से भटक कर बेतिया से सटे शनिचरी थाना के सिरसिया पहुंच गया था, जिसे ट्रैक्यूलाइजर गन की मदद से पकड़ा गया. 2015 में एक बाघ लौकरिया थाने के पिपराडीह सरेह में पहुंच गया था. कुछ महीने पूर्व एक बाघ चिउटांहा जंगल से भटक कर भेलाइ सरेह के दोन नहर पहुंच गया था.
जंगल में भेजा जाएगा बाघ
दियारे में बाघ के होने की सूचना मिली है. वनकर्मियों की एक टीम गठित की जा रही है. जो दियारे में घूम कर इसकी टोह लेगी. बाघ को जंगल में भेजने का कार्य किया जायेगा. जहां उसने नीलगाय को मारा है, लोग उसके आसपास न जायें.
आनंद कुमार,रेंजर, मदनपुर वन क्षेत्र (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व)
सरेह में गेहूं काट रहे किसानों ने देखा, लोगों ने खेत जाना छोड़ा
बाघ देख कटनी छोड़ भागे किसान
नीलगाय को खा रहा था बाघ
पंचायत से 40 किमी दूरी पर जंगल
वनकर्मियों की टीम गठित
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